रतलाम वंदेमातरम् न्यूज। जिला मुख्यालय के गांधी नगर क्षेत्र की योजना क्रमांक-9 में अवैध निर्माण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें 71 वर्षीय बुजुर्ग धन्नालाल सिंगला ने अपने ही बड़े भाई दयाराम पर जालसाजी कर पैतृक संपत्ति हड़पने और उनकी बेटी विद्या सिंगला पर अवैध निर्माण कराने का आरोप लगाया है। नगर निगम के वार्ड इंजीनियर शिवम गुप्ता सहित अन्य अफसरों पर सांठगांठ के गंभीर आरोप लगाने के साथ बुजुर्ग ने अब मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर जालसाजी पूर्वक कराई भूखंडों की रजिस्ट्री शून्य घोषित करवाने की मांग की है। बुजुर्ग की शिकायत पर कोर्ट ने मृतक दयाराम की पुत्री विद्या सिंगला सहित 7 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
बुजुर्ग धन्नालाल का कहना है कि उनके पिता नाथूलाल की मृत्यु के बाद संपत्ति का सातों संतानों में बराबर बंटवारा होना चाहिए था, लेकिन उनके बड़े भाई दयाराम ने वर्ष 1966 में नगर सुधार न्यास से सांठगांठ कर भूखंड क्रमांक 159 और 160 को जालसाजी पूर्वक अपने नाम करवा लिए थे। दयाराम की मृत्यु से एक माह पूर्व ही उन्होंने यह भूखंड अपनी बेटी विध्या सिंगला के नाम विक्रय कर दिए। अब विध्या अपने भाइयों के साथ मिलकर न केवल इन भूखंडों पर, बल्कि इससे लगे शासकीय भूमि पर भी नियमों के खिलाफ निर्माण कार्य करा रही हैं। जब पीड़ित धन्नालाल, उनकी पत्नी प्रेमलता और बेटे बिक्की सिंगला ने इस पर आपत्ति ली, तो उनके साथ विवाद कर जान से मारने की धमकी भी दी गई।
शिकायतों के बावजूद प्रशासन मौन
पीड़ित परिवार ने इस संबंध में नगर निगम, जिला प्रशासन, सीएम हेल्पलाइन और कलेक्टर तक शिकायत पहुंचाई। इसके बावजूद जिम्मेदार वार्ड इंजीनियर शिवम गुप्ता ने अवैध निर्माण को नहीं रुकवाया। पीड़ित बुजुर्ग धन्नालाल ने बताया कि कोर्ट में वाद दायर करने से पहले उनकी ओर से 17 जून 2025 को एसडीएम अनिल भाना को और 20 जून 2025 को नगर निगम आयुक्त को प्रमाणों सहित शिकायत प्रस्तुत की गई थी। जांच में शिकायत सही पाई गई और अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए गए। बावजूद इसके निर्माण कार्य नहीं रोका गया, बल्कि द्वितीय मंजिल तक निर्माण कर लिया गया।
जिम्मेदारों की मिलीभगत
नगर निगम के वार्ड इंजीनियर शिवम गुप्ता पर गंभीर आरोप है कि उन्होंने मामले में लेनदेन कर सिर्फ नोटिस देकर औपचारिकता निभाई। 2 जून 2025 को नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 के तहत पत्र क्रमांक 597/2025 के माध्यम से नोटिस तो जारी किया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
न्याय की उम्मीद लेकर कोर्ट पहुंचे धन्नालाल
निरंतर अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही से त्रस्त होकर 71 वर्षीय बुजुर्ग धन्नालाल सिंगला ने अंततः न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया है। कोर्ट ने दयाराम के सात बच्चों के नाम नोटिस जारी किए हैं। बता दें कि यह मामला न केवल पारिवारिक संपत्ति विवाद का है, बल्कि सरकारी तंत्र की उदासीनता और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत को भी उजागर करता है। एक बुजुर्ग न्याय की उम्मीद में कोर्ट की शरण में हैं, लेकिन सवाल ये है कि जब शिकायतें प्रमाणों के साथ समय रहते दी गई थीं, तो जिम्मेदारों ने समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की?