




रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने विरोध के बावजूद मुख्य समारोह सहित अन्य स्थानों में झंडावंदन किया। पुलिस लाइन के बाद मंत्री शाह ने रतलाम जिले के डोसी गांव स्थित सरकारी स्कूल में ध्वजारोहण किया।





कार्यक्रम के बाद मीडिया ने जब कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए उनके विवादित बयान को लेकर सवाल पूछने की कोशिश की, तो मंत्री शाह ने कोई जवाब नहीं दिया। वह माइक हटाकर तुरंत कार्यक्रम स्थल से चले गए। उनका यह रवैया मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।





बच्चों संग भोजन और बचपन की यादें
मंत्री शाह ने बच्चों संग बैठकर भोजन किया और अपने संघर्षपूर्ण बचपन की बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि भले ही वे एक संपन्न परिवार से थे, लेकिन बचपन में आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी। वह अक्सर अपनी माँ द्वारा दिए गए टिफिन को दोस्तों के साथ साझा करते थे।
“हर बच्चे को मिले किताबें और ड्रेस”
शाह ने कहा कि उस दौर में कई बच्चों के पास किताबें और ड्रेस तक नहीं होती थीं। उन्होंने याद किया कि उनके पास सिर्फ अपनी रोटियां थीं, जिन्हें वे दोस्तों के साथ बांटते थे। आज जब बच्चों को स्कूल में मध्याह्न भोजन मिलता है, तो उन्हें अपने पुराने दिन याद आ जाते हैं।
दौलत का जिक्र और मदद का वादा
मंत्री ने आगे कहा कि आज उनके पास जो भी संपत्ति है, वह समाज के जरूरतमंद बच्चों के काम आएगी। उनका मानना है कि हर बच्चे को शिक्षा, भोजन और आवश्यक सुविधाएं मिलनी चाहिए।
मीडिया से दूरी ने खड़े किए सवाल
जहां एक ओर मंत्री शाह ने बच्चों संग समय बिताकर मानवीय पक्ष को उजागर किया, वहीं विवादित बयान पर सवालों से भागना उनकी छवि के लिए चुनौती साबित हो सकता है। स्वतंत्रता दिवस पर बधाई देने के बाद मीडिया से दूरी बनाने पर यह सवाल उठ रहा है कि क्या मंत्री जवाब देने से बच रहे हैं या केवल अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं।



