रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिले में शुक्रवार देर शाम एक बार फिर आफत की बारिश हुई। मूसलाधार बारिश से शहर और ग्रामीण क्षेत्र जलमग्न हो गए। खासकर नागदा – खाचरोद मार्ग पर जड़वासा और मलवासा पुलों के बीच में बच्चों के साथ कई परिवार फंस गए थे। रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम को जब सूचना मिली तो उन्होंने अमले को अलर्ट किया। मौके पर पहुंची SDRF की टीम ने रात 1. 30 बजे रेस्क्यू कर लोगों को बाहर निकालकर उन्हें सकुशल अपने – अपने गंतव्य के लिए रवाना किया। पानी में फंसे राहगीरों के साथ बच्चों को चाय पानी के अलावा भोजन की भी कलेक्टर बाथम ने एक ढाबे से संपर्क कर निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध करवाई।
रतलाम जिले में अभी तक रिकॉर्डतोड़ 46 इंच से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। मौसम विभाग ने 6 सितंबर 2025 को भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार शाम करीब 5 बजे बिजली की गड़गड़ाहट के साथ शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने रतलाम जिले को जल मग्न कर दिया था। आफत की बारिश ऐसी रही कि रतलाम शहर में देर रात तक कॉलोनियों में पानी भरा रहा। भोई मोहल्ले वार्ड 27 का गणेश पांडाल पूरी तरह डूब गया, यहां घुटनों तक पानी भर गया। एसडीईआरएफ की टीम ने मदद की। स्थानीय लोगों ने बताया कि ऊंकाला रोड, रत्नेश्वर रोड और हरमाला रोड पर नालों पर अतिक्रमण होने से हर बार निचली बस्तियां डूब जाती हैं। उन्होंने अतिक्रमण हटाने की मांग की।
खेतों में फसलें डूबीं, किसानों ने मांगी मदद
गांव पलसोड़ा में बारिश से खेत तालाब बन गए। सोयाबीन, मक्का और खरीफ की अन्य फसलें पानी में डूबकर खराब होने लगी हैं। उपसरपंच श्याम व्यास और किसानों ने बताया कि नुकसान इतना बड़ा है कि उसकी भरपाई मुश्किल है। उन्होंने रतलाम जिला प्रशासन से उच्च स्तरीय समिति बनाकर सर्वे करने और आर्थिक मुआवजा देने की मांग की।