रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश के रतलाम जिला अस्पताल में फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी करने वाली श्वेता शाह (निवासी पत्रकार कॉलोनी) को कोर्ट ने 10 साल का कारावास और 500-500 रुपए का जुर्माना (तीन धाराओं में) सुनाया है। जुर्माना न चुकाने पर हर धारा में एक-एक महीने की अतिरिक्त कैद होगी। यह सजा सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव की अदालत ने सुनाई।
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि सीएमएचओ ने 24 मार्च 2017 को स्टेशन रोड थाने में आवेदन दिया। इसमें बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र प्रीतमनगर में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुनंदा शाह का 13 जून 2014 को निधन हो गया था। उनकी जगह उनकी बेटी श्वेता शाह ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। सीएमएचओ ने 12 सितंबर 2014 को श्वेता की डार्करूम असिस्टेंट पद पर नियुक्ति के आदेश करने के निर्देश दिए। 16 सितंबर 2014 को श्वेता की नियुक्ति डार्करूम असिस्टेंट के पद पर 2 साल की परीविक्षा अवधि पर अस्थायी तृतीय श्रेणी के पद पर की गई। डार्करूम असिस्टेंट की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर श्वेता की हायर सेकंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (10 प्लस 2) वर्ष 2002 की मार्कशीट सत्यापन करवाने माध्यमिक शिक्षा मंडल के संभागीय कार्यालय इंदौर को 13 अक्टूबर 2016 को भेजी गई। वहां से 21 नवंबर 2016 को पत्र भेजकर बताया कि श्वेता की हाई सेकंडरी की अंकसूची की फोटो कॉपी एवं मंडल रिकार्ड में भिन्नता है। इस कारण सत्यापन संभव नहीं है। इस पर श्वेता ने सिविल सर्जन कार्यालय में बीकॉम फाइनल एवं हायर सेकंडरी परीक्षा (10 प्लस 2) वर्ष 2002 की मूल प्रति दी। श्वेता ने नियुक्ति आवेदन एवं उपस्थिति के समय विज्ञान संकाय की अंकसूची दी थी, जिसमें फिजिक्स, केमेस्ट्री एवं बायोलॉजी विषय था। बाद में जो मूल अंकसूची पेश की वह वाणिज्य संकाय की है। अतः श्वेता द्वारा विभाग को गुमराह कर नियुक्ति पाई गई है।
Website Design By
KAMAKSHI WEB
CONTACT : +91-9753910111


