रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। दशहरे के अवसर पर रतलाम के नेहरू स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह इस बार अव्यवस्थाओं और विवादों की भेंट चढ़ गया। रावण दहन के तीन प्रयासों के बाद भी पुतला पूरी तरह नहीं जल पाया, जिससे लोगों में निराशा फैल गई। वहीं, समारोह स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे पुलिसकर्मियों के नशे में धुत्त होने और आमजन से अभद्रता करने की शिकायतों ने आयोजन को और भी कलंकित कर दिया।

समारोह स्थल पर ड्यूटी कर रहे कई पुलिसकर्मी नशे की हालत में नजर आए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने न सिर्फ बच्चों के परिजनों और बुजुर्गों से बदसलूकी की, बल्कि आयोजन में आए अपने रिश्तेदारों और परिचितों को वीआईपी क्षेत्र में बैठाने तक का काम किया। यह स्थिति आम जनता के लिए असुविधा और अपमानजनक अनुभव का कारण बनी। नेहरू स्टेडियम में रावण दहन के लिए तीन प्रयास किए गए, लेकिन पुतला पूरी तरह से नहीं जल सका। लोगों ने इसे बदइंतजामी और तकनीकी लापरवाही का नतीजा बताया। दशहरे जैसे बड़े पर्व पर इस तरह की घटना से आमजन में गहरा आक्रोश देखने को मिला।

कांग्रेस का विरोध और ज्ञापन
बदइंतजामी और अधूरे रावण दहन को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई। शहर कांग्रेस ने नायब तहसीलदार रामचंद्र पांडे को उज्जैन संभाग आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि यह घटना नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का प्रतीक है। कांग्रेस ने आशंका जताई कि यह भविष्य में अशुभ संकेत भी हो सकता है।
50 हजार का रावण 3 लाख में
कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 50-60 हजार रुपये में बनने वाले रावण का पुतला करीब 3 लाख रुपये में तैयार कराया गया। पार्टी ने इसे निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया। साथ ही सिवरेज, जलप्रदाय और सड़क निर्माण में भी बड़े घोटालों के आरोप लगाए।
कार्रवाई होगी या संरक्षण?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि नशे में ड्यूटी करने वाले और आमजन से अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी या फिर उन्हें विभागीय संरक्षण देकर मामले को दबा दिया जाएगा। दशहरे जैसे पर्व पर अव्यवस्थाओं और पुलिस के रवैये से रतलाम की जनता में गहरा असंतोष है।