– मामला इप्का फैक्ट्री के पास चल रही अवैध ड्रग लैब के भंडाफोड़ का
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। सेंट्रल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा पिछले दिनों रतलाम जिले में के सेजावता क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित ड्रग लैब का भंडाफोड़ मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों का रिमांड खत्म हो चुका है। इप्का फैक्ट्री के पास महू-नीमच फोरलेन पर एक किराए के गोदाम में संचालित अवैध ड्रग फैक्ट्री से सेंट्रल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने रूप सिंह 51 पिता राधाकिशन चौहान निवासी जीत नगर रतलाम और अभिजीत सिंह 39 पिता वीरेंद्रसिंह चौहान निवासी रत्नपुरी रतलाम को गिरफ्तार किया था। बुधवार को दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद रतलाम सर्किल जेल भेज दिया गया है।
बता दें कि सेंट्रल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने 18 अक्टूबर 2025 की रात यह छापा मारा था। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को प्रारंभ में 22 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया गया था, लेकिन पूछताछ के दौरान उन्होंने कोई बड़ा खुलासा नहीं किया। बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।छापेमारी के दौरान एनसीबी ने 13.762 किलोग्राम अल्प्राज़ोलम पाउडर बरामद किया था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत ₹3.44 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। साथ ही लैब से रासायनिक निर्माण में प्रयुक्त बड़ी मात्रा में रसायन और प्रयोगशाला उपकरण भी जब्त किए गए। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि जनवरी 2025 से आरोपी इस किराए के गोदाम में अवैध रूप से अल्प्राज़ोलम का निर्माण कर रहे थे। एनसीबी अब उनके वित्तीय लेनदेन, आपूर्ति नेटवर्क और अंतरराज्यीय संपर्कों की जांच कर रही है।
जब्त की गई सामग्री में शामिल हैं
एथाइल एसीटेट: 7.5 लीटर
आइसोप्रोपाइल अल्कोहल: 2.5 लीटर
टोल्यून: 2.5 लीटर
मेथेनॉल: 40 लीटर
क्लोरोफॉर्म: 7.5 लीटर
ग्लेशियल एसिटिक एसिड: 500 मि.ली.
हाइड्रोक्लोरिक एसिड: 500 मि.ली.
मैग्नीशियम सल्फेट: 500 मि.ग्रा.
साथ ही राउंड बॉटम फ्लास्क, ऑयल बाथ, कंडेंसर, स्टिरर और थर्मामीटर जैसे उपकरण भी जब्त किए गए जो यह दर्शाते हैं कि यह लैब पूरी तरह पेशेवर तरीके से संचालित हो रही थी।
आरोपियों की पृष्ठभूमि: शिक्षा और अनुभव का दुरुपयोग
1️⃣ रूप सिंह चौहान (51)
बी.टेक स्नातक, श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस, इंदौर। पूर्व में विल्सन फार्मा (धार) और श्रीधारा लाइफ साइंसेज (रुड़की) में कार्यरत। वर्ष 2021 में तेलंगाना में अल्प्राज़ोलम तस्करी के आरोप में जेल जा चुका था और वर्तमान में जमानत पर था
2️⃣ अभिजीत सिंह चौहान (39)
बी.फार्मा, ऋषिराज कॉलेज ऑफ फार्मेसी, इंदौर। पूर्व में इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी, रतलाम से जुड़ा और बाद में रूप सिंह के साथ मिलकर फार्मास्यूटिकल और आयुर्वेदिक उत्पादों का व्यापार शुरू किया। दोनों ने अपनी शिक्षा और अनुभव का दुरुपयोग करते हुए एनडीपीएस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित साइकोट्रॉपिक ड्रग अल्प्राज़ोलम का अवैध निर्माण शुरू किया था।
क्या है अल्प्राज़ोलम और इसका दुरुपयोग
अल्प्राज़ोलम एक नियंत्रित साइकोट्रॉपिक दवा है, जिसे सामान्यतः चिंता और अवसाद के उपचार में प्रयोग किया जाता है। किंतु हाल के वर्षों में इसका नशे के रूप में दुरुपयोग बढ़ा है। यह दवा कई राज्यों में “ताड़ी” या “हेरोइन” में मिलावट के लिए भी प्रयोग की जाती है, जिससे नशे की लत और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं।
स्थानीय प्रशासन पर उठे सवालइस बड़ी कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहे हैं कि सेजावता क्षेत्र में कई महीनों से यह लैब संचालित हो रही थी, फिर भी स्थानीय प्रशासन और ड्रग डिपार्टमेंट की नजर से यह कैसे बची रही।
अब केंद्रीय एजेंसी इनकी भूमिका और लापरवाही की भी जांच कर रही है।


