रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। सात माह बाद आयोजित रतलाम (Ratlam) नगर निगम सम्मेलन की शुरुआत गुरुवार को हंगामे के माहौल में हुई। कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि रतलाम शहर (Ratlam) की बुनियादी समस्याओं को नजरअंदाज कर एजेंडे में राष्ट्रीय मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। वहीं भाजपा (BJP) पार्षदों ने भी अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई।
रतलाम (Ratlam) नगर निगम सम्मेलन सुबह 11 बजे प्रारंभ हुआ, लेकिन शुरुआत से ही कांग्रेस पार्षदों ने विरोध का स्वर अपना लिया। उनका कहना था कि उन्हें समय पर एजेंडा नहीं दिया गया और उसमें रतलाम (Ratlam) की मुख्य समस्याओं का कोई उल्लेख नहीं है। विरोध के दौरान दो कांग्रेस पार्षद सड़क पर बैठ गए और एजेंडा कॉपी लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने “अमृत 2 योजना” के तहत कार्यों के अधूरे रहने और भुगतान में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। इस पर नगर निगम अध्यक्षा और महापौर प्रहलाद पटेल ने कहा अगर भुगतान हुआ है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, और अगर नहीं हुआ है तो आप इस्तीफा दीजिए। महापौर ने पार्षदों से कहा कि वे वार्डों में जाकर खुद देखें कि कितने काम पूरे हो चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे सवाल न पूछे जाएं जिससे नगर निगम की छवि खराब हो।
भाजपा पार्षद की नाराजी सुनते नहीं हैं अधिकारी
कांग्रेस (CONGRESS) के बाद भाजपा (BJP) पार्षदों ने भी रतलाम (Ratlam) निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। भाजपा (BJP) पार्षद शक्ति सिंह और परमानंद योगी ने कहा कि अधिकारी पार्षदों की बातों को गंभीरता से नहीं लेते। भाजपा (BJP) पार्षद योगी ने अपने वार्ड में सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वच्छता प्रभारी कह रहे हैं कि सभी वार्डों में 15-15 कर्मचारियों की टीम भेजी गई है, लेकिन मेरे वार्ड में तो कोई टीम आई ही नहीं। इस पर स्वच्छता प्रभारी राजेंद्र सिंह ने स्पष्टीकरण देने की कोशिश की, मगर विवाद बढ़ने पर उन्हें बैठक में बैठा दिया गया।
निगम सम्मेलन में बहस पर नतीजा अधूरा
लगातार बहस और आरोप-प्रत्यारोप के बीच सम्मेलन का अधिकांश समय विवादों में ही बीत गया। न तो रतलाम (Ratlam) शहर की सफाई व्यवस्था पर ठोस निर्णय लिया जा सका, न ही अधूरे विकास कार्यों पर कोई अंतिम निष्कर्ष निकला।
रतलाम निगम सम्मेलन के मुख्य बिंदु
– सात माह बाद हुआ नगर निगम सम्मेलन हंगामे की भेंट चढ़ा।
– कांग्रेस पार्षदों ने कहा एजेंडे में शहर की समस्याएं शामिल नहीं।
– महापौर ने कहा अगर भुगतान हुआ है तो मैं इस्तीफा दूंगा।
– भाजपा पार्षदों ने भी अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाए।
– सफाई व्यवस्था को लेकर निगम अधिकारियों पर आरोप – प्रत्यारोप।


