
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश के रतलाम जिला मुख्यालय में स्थापित शासकीय मेडिकल कॉलेज भले ही अब तक आमजन की खराब स्वास्थ्य सेवाओं और रेफरल सेंटर स्थापित होकर चर्चाओं में था, लेकिन अब रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) की छात्राओं के साथ हुई छेड़छाड़ की गंभीर घटना ने जिम्मेदारों पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दो दिन पूर्व 3 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद वंदेमातरम् न्यूज ने रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) की सुरक्षा को लेकर पूरे मामले की पड़ताल की। इस दौरान चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि Ratlam Medical College में 24 घंटे सुरक्षा की तैनाती के लिए प्रशासन द्वारा एक ओर जहां पुलिस चौकी स्थापित कर रखी है, वहीं कॉलेज प्रशासन ने 150 सिक्युरिटी गार्ड की फौज तैनात कर रखी है। प्रतिमाह इन 150 से अधिक सिक्युरिटी गार्ड को वेतनमान स्वरूप कॉलेज प्रशासन संबंधित हाईट्स एजेंसी को 25 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान करती है। इसके अलावा कॉलेज में सुरक्षा के नाम पर भले ही 100 से अधीक सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हों लेकिन इनमें 80 फीसद कैमरे रख-रखाव के कारण बंद हैं। इन तमाम खर्चों और खामियों के बावजूद Ratlam Medical College में लगातार 3 छात्राओं से छेड़छाड़ की घटना ने मध्य प्रदेश को शर्मसार कर दिया है।

बता दें कि सैलाना रोड स्थित डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) में बुधवार देर शाम बाइक सवार बदमाश द्वारा 3 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने का मामला प्रकाश में आया। बुधवार शाम 7.50 बजे छात्रा कॉलेज के कैंपस में इवनिंग वॉक कर रही थी। तभी बाहरी बाइक सवार बदमाश मुंह पर मफलर बांधकर छात्राओं से छेड़छाड़ की और टच कर धक्का देते हुए निकला। इसके बाद उसी बदमाश ने कॉलेज गेट पर एक अन्य छात्रा के साथ छेड़छाड़ की और बेखौफ फरार हो गया। शर्मनाक घटना का शिकार हुई छात्राओं ने पूरी घटना की जानकारी रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) प्रशासन को दी लेकिन 24 घंटे तक डीन डॉ. अनिता मूथा पूरे मामले को दबाती रही। कॉलेज प्रशासन के सूत्रों की मानें तो मीडिया के सवालों से बचने के लिए डॉ. मूथा पूरे मामले में पर्दा डालकर बैठी रही। गंभीर सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर गुरुवार की सुबह डीन डॉ. मूथा ने छात्राओं से चर्चा कर कानूनी कार्रवाई से इनकार क्यों किया ? गुरुवार देर शाम तक रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) प्रशासन द्वारा चुप्पी साधे रखे जाने के बाद छात्र-छात्राओं सहित इंटर्न डॉक्टर में गुस्सा फूट गया और वह सभी एकत्रित होकर रतलाम औद्योगिक थाना क्षेत्र पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाकर अज्ञात बदमाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। मामले में कॉलेज अधीक्षक डॉ. प्रदीप मिश्रा ने बताया कि व्यवस्थाओं में सुधार के लिए काम कर रहे हैं।
कॉलेज में डेढ़ सौ से अधिक सुरक्षाकर्मियों की फौज
रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) में भले ही दस्तावेजों पर सुरक्षा के नाम पर डेढ़ सौ से अधिक सुरक्षाकर्मियों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से तैनाती दर्शा रखी हो लेकिन जमीनीस्तर पर इनकी संख्या काफी कम है। जानकारों के मुताबिक कॉलेज प्रशासन और आउटसोर्स एजेंसी की आपसी सांठगांठ का नतीजा है कि प्रतिमाह कॉलेज प्रशासन की ओर से 25 लाख 50 हजार का कम से कम भुगतान किया जाता है और इसकी बंदरबांट कर ली जाती है। खास बात यह भी है कि कॉलेज प्रशासन आउटसोर्स एजेंसी को प्रति सुरक्षाकर्मी के लिए 16 से 17 हजार का भुगतान करती है, जबकि जमीनीस्तर पर ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों को 9 हजार 500 से 10 हजार तक ही वेतनमान दिया जाता है। ड्यूटी करने वाले सुरक्षा कर्मचारियों को इतना कम वेतनमान मिलने के मामले में भी कॉलेज प्रशासन द्वारा संबंधित एजेंसी में आपत्ति दर्ज नहीं कराना पूरे मामले में कई गंभीर सवाल खड़े करता है।
100 सीसीटीवी कैमरों में 80 फीसद खराब
रतलाम मेडिकल कॉलेज (Ratlam Medical College) में आए दिन होने वाली घटनाओं के बावजूद सुरक्षा से आंखे मूंदकर बैठने वाले जिम्मेदार अब छात्राओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद कटघरे में खड़े हुए हैं। बता दें कि रतलाम मेडिकल कॉलेज स्वायत्त इकाई है। इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन सिर्फ दस्तावेजों पर सुरक्षा जुटाकर बिलों का भुगतान करवा रही है और जमीनी स्तर पर हकीकत इसके विपरित है। रतलाम मेडिकल कॉलेज में 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन बदहाली का आलम कुछ ऐसा है कि यहां पर सिर्फ 80 फीसद कैमरे खराब या बंद पड़े हुए हैं। जबकि इनके मरम्मत सहित अन्य योजनाओं के अंतर्गत सीसीटीवी कैमरे की खरीदी का भुगतान बदस्तूर जारी है।

