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रसूखदारों पर संयम : जयंतसेन धाम के पीछे रसूखदार भूमाफियाओं पर 4 साल से मेहरबान जिम्मेदार, वंदेमातरम् न्यूज के पास उपलब्ध दस्तावेज बयां करते पूरी सांठगांठ

रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम में सागोद रोड स्थित जयंतसेन धाम के पीछे रसूखदार भूमाफियाओं द्वारा नियम विपरित 100 बीघा जमीन पर खेले जा रहे अवैध कॉटेजनुमा कॉलोनी का खेल 4 वर्ष से जारी है। रसूखदार भूमाफिया शातिराना तरीके से खरीददारों को जाल में फंसाकर बड़ी राशि कमा रहे हैं, इसका पूरा काला चिट्ठा वंदेमातरम् न्यूज के पास उपलब्ध है।
कृषि भूमि औने-पोने दाम खरीद भूमाफियाओं ने डायवर्शन (व्यपवर्तित) से पहले सर्वे नंबर 10/1/4 एवं 9/1/2 भूमि पर तना आलीशान सुकून मैरिज गार्डन के लिए कृषि गोदाम की अनुमति नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय (टीएंडसीपी) से महज 12 दिन में प्राप्त की थी। कृषि प्रयोजन में गोदाम की अनुमति के 14 दिन बाद 16 जुलाई 2018 को उक्त दोनों सर्वें नंबर (10/1/4 एवं 9/1/2) पर तहसील कार्यालय से सांठगांठ कर रतलाम विकास योजना के विपरित कृषि भूमि को व्यवसाय में तब्दील करवा लिया गया। नियमों को ताक पर रखने के बाद भी सुकून मैरिज गार्डन संचालक की रसूखदारी के आगे सभी जिम्मेदार (जिला प्रशासन की कॉलोनी सेल, नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय सहित बिबड़ौद पंचायत) मौन बने रहे। दरअसल जिले सहित शहर में अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ के अलावा कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर के बाद जयंतसेन धाम के पीछे रसूखदार भूमाफियाओं का काला खेल वंदेमातरम् न्यूज ने आमजन तक पहुंचाकर जिम्मेदारों को जगाया। नियम विपरित सुकून मैरिज गार्डन तोडऩे के बीच एसडीएम अभिषेक गेहलोत के पास आए एक फोन पर कार्रवाई बीच में छोडऩे के अलावा उक्त क्षेत्र की अवैध 3.5 किलोमीटर लंबाई और 12 मीटर चौड़ाई की सुसज्जित अवैध सीमेंट कांक्रीट सड़क पर चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए।

सांठगांठ कर भूमाफियाओं ने ऐसे खेला खेल
आलीशान सुकून मैरिज गार्डन निर्माण के लिए भूमाफियाओं ने सस्ती कृषि भूमि खरीद 20 जून 2018 को इंदू पति दिलीप मोटिया एवं माधुरी पति रवि मोटिया के नाम नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय (टीएंडसीपी) में कृषि गोदाम निर्माण की अनुमति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। महज 12वें दिन 2 जुलाई 2018 को कार्यालय ने कृषि आधारित प्रयोजन के नियमों पर कृषि गोदाम की अनुमति जारी की। इसके बाद शातिराना तरीके से रसूखदार भूमाफियाओं ने 16 जुलाई 2018 को उक्त भूमि सर्वे नंबर 10/1/4 एवं 9/1/2 को व्यवसायिक भूमि में तब्दील कराया। सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक की गई धोखाधड़ी के बावजूद दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होना अब आमजन में चर्चा का मुद्दा बना हुआ है।


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