
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। अमृत 2.0 का काम कर रहे गुजराती कंपनी एनपी पटेल और Ratlam नगर निगम के जलप्रदाय इंजीनियरों की लापरवाही पटरी पार क्षेत्र के 9 वार्डों के रहवासियों का भुगतना पड़ रही है। मामला ऋतुराज संपवेल की पाइप लाइन शिफ्टिंग के काम का है, जो जल्दबाजी में बिना किसी टेक्निकल एक्सपर्ट के शुरू कर दिया गया। दावा एक दिन में काम निपटाने का था, जो अब तक अधूरा पड़ा है।
गुरुवार को जनता को पानी की किल्लत को लेकर परेशानी जब महापौर प्रहलाद पटेल के पास पहुंची। भोपाल जाने के दौरान महापौर पटेल ने निगम के जलप्रदाय विभाग के इंजीनियर से जब पूछा कि आपने काम करने से पहले मुझे क्यों नहीं बताया तो इंजीनियर चुप रहे नाराज महापौर पटेल को यहां तक कहना पड़ा कि आप लोगों ने परिषद को बदनाम करने की ठान रखी है। महापौर पटेल गुस्से में इतना थे कि उन्हें यहां तक कहने पर मजबूर होना पड़ा कि आप लोगों ने मेरी सुपारी ले रखी है क्या? महापौर गुरुवार को भोपाल रवाना हुए इस दौरान रास्ते me उन्हें जानकारी मिली कि आज भी पटरी पार क्षेत्र के वार्ड 1 से 8 और 13 में पानी की सप्लाई नहीं हो पाएगी। बता दें कि अमृत मिशन 2.0 के तहत ऋतुराज संपवेल परिसर में 800 केएल क्षमता का एक संपवेल बनाया जाना है। इसके लिए जो जगह चयनित की गई है। वहां से 400 एमएम की पाइप लाइन गुजर रही थी। उसे घुमाकर शिफ्ट किया जा रहा है।
निगम के नौसीखिये इंजीनियर की ऐसी मनमानी
Ratlam के ऋतुराज संपवेल के यहां से एमएस के पाइप डले है, जो कई साल पहले चलन से बाहर हो गए हैं। ऐसे में पाइप लाइन शिफ्ट करने के लिए निगम को पुराने पाइप ढूंढना पड़े। उसे भी जल्दबाजी में बिना चेक किए डाल दिया। ऐसे में लाइन डालकर चेक किया तो पाइप में क्रेक निकल गया। उसे फिर से खोदकर बाहर निकालना पड़ा। इसके बाद भी गुजराती कंपनी के कर्मचारियों ने पाइप और संपवेल की लाइन को ठीक से नहीं जोड़ा। 90 डिग्री के बैंड को ठीक से सीमेंट कांक्रीट से नहीं दबाया। ऐसे में बुधवार शाम को मोटर पंप शुरू करते ही बैंड खिसक गया। इसके बाद फिर से सीसी तोड़कर बैंड को खोला और ठीक करने का काम शुरू हुआ। यह रातभर में भी पूरा नहीं हो सका। रतलाम निगम के जलप्रदाय विभाग के इंजीनियर यह बताने में गुरेज कर रहे कि वह पटरी पार के प्रभावित वार्डों में कब तक व्यवस्था को सुधारेंगे।
लापरवाही ऐसी कि विकल्प के बारे में भी नहीं सोचा
बिना टेक्निकल एक्सपर्ट शिफ्ट करने लगे ऋतुराज संपवेल की पाइप लाइन को निगम के इंजीनियर ने वैकल्पिक व्यवस्था को भी नजर अंदाज किया। घोर लापरवाही और मनमानी का नतीजा ऐसा मिला कि पिछले 8 दिन से 9 वार्डों के हजारों परिवार पानी के लिए तरस रहे हैं। रहवासी बूंद-बूंद को तरस रहे हैं और निगम के इंजीनियर सहित अफसर ऐसे में अपनी मस्ती में डूबकर घरों में सो रहे हैं। इस घोर लापरवाही का परिणाम महापौर पटेल के अल्टीमेटम के बाद स्पष्ट है कि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।

