
– आश्रम की सेवा भावना ने मिलाया परिवार, बेटे को देखते ही खिल उठा चेहरा
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम के “मां माधुरी बृज वारिस सेवा सदन – अपना घर आश्रम” में एक अत्यंत भावुक और हृदयस्पर्शी दृश्य देखने को मिला। तकरीबन एक महीने से लापता चल रहे मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के ग्राम जामनेर निवासी भूरा अहिरवार का उनके पुत्र दरियाब सिंह से पुनर्मिलन हुआ। यह पुनर्मिलन सिर्फ एक परिवार के पुनः एक होने की कहानी नहीं, बल्कि आश्रम की मानवीय सेवा, करुणा और कर्तव्य परायणता का जीवंत उदाहरण बन गया।
बता दें कि भूरा अहिरवार लगभग एक माह पूर्व अपने घर से लापता हो गए थे। परिवारजनों ने उन्हें खोजने के हरसंभव प्रयास किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसी बीच 10 जून 2025 को भूरा को मानसिक एवं शारीरिक रूप से अवस्था में रतलाम के “अपना घर आश्रम” में उपचार हेतु भर्ती कराया गया। आश्रम के स्टाफ और कार्यालय प्रभारी प्रदीप वर्मा द्वारा गहन प्रयास कर प्रभु की पहचान और उनके परिवार का पता लगाया गया। तत्पश्चात, 12 जून 2025 को भूरा के पुत्र दरियाब सिंह को सूचना दी गई कि उनके पिताजी सुरक्षित हैं और रतलाम में आश्रय पाए हुए हैं। सूचना के बाद 13 जून 2025 को जब भूरा के परिजन आश्रम पहुंचे, तो पिता-पुत्र का मिलन अत्यंत भावुक क्षण बन गया। पुत्र और भाई की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। दरियाब सिंह ने अपने हृदय की गहराइयों से आश्रम परिवार, विशेषकर वहां के सेवाभावी कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करते हुए कहा, “हमारे पिताजी को तलाशने और हमें मिलाने में जो मदद आश्रम द्वारा की गई, वह हम जीवन भर नहीं भूल सकते।” पूरी औपचारिक प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद, बुजुर्ग भूरा को उनके परिजनों के साथ ग्राम जामनेर, शाजापुर के लिए विदाई दी गई। आश्रम परिवार ने प्रभु जी के स्वस्थ और सुखद जीवन की कामना करते हुए उन्हें ससम्मान विदा किया।