रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। गौ मांस परिहवन के बहुचर्चित मामले में 11 साल पहले पकड़ाए 11 लोगों को कोर्ट ने 2-2 साल के सश्रम कारावास की सजा दी है। सभी पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। फैसला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अरुण सिंह ठाकुर ने दिया है। यह घटना 2014 में अनंत चतुर्दशी की रात की है। सुबह दौड़ने गए युवाओं ने नगरा-सीरूखेड़ी रोड पर डॉ. सादिक के पोल्ट्री फॉर्म के पास गाय का सींग और खून देखा था। यह मामला इसलिए बहुचर्चित रह्य क्योंकि उस वक्त हिंदू संगठनों ने इसको लेकर जुलूस निकाला था और फोरलेन पर जाम लगाया था। इससे ढाई किमी तक वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं। मामले में 5 पुलिसकर्मी भी निलंबित हुए थे।
सहायक निदेशक अभियोजन आशा शाक्यवार ने बताया कि 9 सितंबर 2014 को फरियादी वासुदेव ने रतलाम के स्टेशन रोड थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें बताया था कि मैं और मेरा दोस्त आदित्य सुबह दौड़ने गए थे। नगरा-सीरूखेड़ी रोड पर डॉ. सादिक के बंद पोल्ट्री फार्म के पास 2 लोग एक बाइक पर एक थैला लटकाकर ले जाते दिखे। इसमें गीला-गीला कुछ भरा था। थोड़ी देर बाद 2 और लोग बाइक पर बोरा ले जाते दिखे। इसमें भी गीला पदार्थ था। पोल्ट्री फार्म के पास जाकर देखा तो वहां गाय का सींग, खून और एक लोहे का सूआ पड़ा था। रोड के दाहिने साइड पानी के नाले में मांस के टुकड़े तैर रहे थे। मामले में रिपोर्ट और साक्ष्य के आधार पर राशिद (38) पिता रसीद खान, जफर (45) पिता बशीर शेरानी, मुश्ताक (20) पिता ताज मोहम्मद कुरैशी, अफसर (30) पिता अहमद कुरैशी, राजा (38) पिता वाजिद अली, माजिद (30) पिता जहांगीर कुरैशी सभी निवासी शेरानीपुरा, असलम (25) पिता भूरिया कुरैशी, आजाद (20) पिता बाबू कुरैशी निवासी कसाई मंडी, आलम (30) पिता वाजिद अली निवासी पटेल कॉलोनी, अकील (37) पिता बाबू खां कुरैशी निवासी चिंगीपुरा हाथीखाना, गोविंद (22) पिता कालू भूरिया उर्फ भेरूलाल भूरिया निवासी भाटपचलाना (उज्जैन) के खिलाफ केस बनाया गया। गवाह, दस्तावेजी साक्ष्य व मांस के टुकड़ों की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को सजा दी। एडीपीओ कुंदन पाराशर ने बताया कि अभियुक्तों को धारा 4 सहपठित 9(1) तथा धारा 5 सहपठित 9(2) मप्र गौ वंश वध प्रतिषेध अधिनियम, 2004 में 2-2 साल का सश्रम कारावास एवं सभी पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।
घटना के बाद 5 पुलिस वाले निलंबित हुए थे
2014 में अनंत चतुर्दशी की रात हुए घटनाक्रम के बाद शहर में हफ्तेभर तक माहौल गरम रहा था। हिंदू संगठनों ने फोरलेन पर जाम लगा दिया था। इससे ढाई किमी तक गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई थीं। पुलिस ने पहले 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। हिंदू संगठनों ने आक्रोश जताया तो जांच में तेजी आई और कुल 11 लोगों पर केस दर्ज किया गया। फिर मुख्य आरोपी को पकड़ने की मांग उठने लगी। आखिर 11 दिन बाद मुख्य आरोपी माजिद कुरैशी पकड़ में आया। इस मामले में स्टेशन रोड थाने के 5 पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे। इसमें हेड कांस्टेबल शंकरसिंह, आरक्षक नागेश्वर, सुधीर, आशीष व शिवपालसिंह को निलंबित किया गया था।


