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Monday, June 16, 2025

रतलाम में मनमर्जी के मदरसे : आयोग के आने पर नींद से जागा प्रशासन, कौन दे रहा नियम विरुद्ध संचालन का संरक्षण ?

रतलाम में मनमर्जी के मदरसे : आयोग के आने पर नींद से जागा प्रशासन, कौन दे रहा नियम विरुद्ध संचालन का संरक्षण ?

– किसी के पास मान्यता नहीं तो अधिकांश बच्चो को  रख रहे स्कूली शिक्षा के अधिकार से दूर

रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के जिला मुख्यालय में खाचरौद रोड पर पहुंचकर भारी गड़बड़ियां उजागर होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी नींद से जागे हैं। रतलाम में अब मदरसे की जांच शुरू हो चुकी है। रतलाम जिला प्रशासन की टीम चार मदरसो पर पहुंची। जिनमे से एक बंद मिला। दो मप्र मदरसा बोर्ड की मान्यता बगैर संचालित होते पाए गए। इन मदरसों में उत्तरप्रदेश, बिहार सहित अन्य प्रांतों की बच्चियां और किशोर मिले। खास बात यह है कि नियम विपरीत संचालित इन मदरसों में बच्चों को स्कूली शिक्षा से दूर रखा जा रहा है। यह प्रशासन की टीम में प्रमुखता से सामने आया है। 

एसडीएम अनिल भाना के नेतृत्व में टीम ने रतलाम के अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे मदरसो का निरीक्षण किया। टीम सबसे पहले बिरियाखेड़ी स्थित लड़कियों के मदरसे पर पहुंची। यहां पर 8 से 12 साल की लड़किया मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश निवासी पाई गई।  इस मदरसे में 44 बालिकाएं रजिस्टर्ड है और मौके पर 32 ही मिली। यहां पर महिला केयर टेकर नहीं थी। मप्र मदरसा बोर्ड की मान्यता भी इस मदरसा प्रबंधन के पास नहीं थी। प्रबंधन का कहना था कि हमारी खुद की समिति है। उसी के अंतर्गत संचालित करते है। यहां रह रही बच्चियां स्कूल नहीं जाती है। इन्हें केवल समाज से जुड़ी ही शिक्षा दी जा रही है। यहां पर तीन मौलवी है। एक मौलवी परिवार समेत मदरसे में रहते पाए गए। इसी क्षेत्र में एक अन्य मदरसे पर टीम पहुंची। लेकिन वह बंद मिला। बताया गया कि पिछले साल बच्चों के साथ मारपीट की घटना के बाद यह मदरसा बंद कर दिया गया। इसके बाद टीम महू नीमच रोड स्थित कृषि मंडी के आगे मदरसे पर पहुंचे। यह मदरसा लड़को का है। यहां पर 8 से 18 साल के बच्चे व युवक थे। अधिकारियों ने जब स्कूल जाने के बारे में पूछा तो किसी के भी स्कूल नहीं जाने की जानकारी मिली। यहां पर 70 लड़के रहते है। यह मदरसा भी मप्र मदरसा बोर्ड की मान्यता बगैर संचालित पाया गया। प्रबंधन ने खुद की समिति द्वारा संचालन की बात बताई। 

शिक्षा के अधिकार से बच्चों को रखा जा रहा वंचित

टीम में शामिल अधिकारियों ने मदरसों के जिम्मेदारों को लताड़ भी लगाई। कहां आप होस्टल चला रहे है तो प्रशासन व पुलिस से अनुमति लेना चाहिए और सूचना देना चाहिए। आप समाज की शिक्षा दे रहे लेकिन शिक्षा के अधिकार से बच्चों को वंचित रखा जा रहा है। यहां पर रतलाम के आसपास के अलावा प्रदेश के अन्य जिलो के बच्चे रह रहे है। टीम ने शेरानी पुरा स्थित मदरसा देखा। यहां पर मप्र मदरसा बोर्ड की मान्यता 2025 तक की मिली।

किसके संरक्षण से नियम विपरीत हो रहे मदरसे संचालित

बता दे कि पिछले सप्ताह मप्र बाल सरंक्षआयोग की सदस्य डॉ. निवेदता शर्मा ने रतलाम के खाचरौद रोड स्थित दारुल उलुम आयशा सिद्दीका तिलबिनात मदरसे का निरीक्षण किया था। यह मदरसा भी मप्र मदरसा बोर्ड की मान्यता के बगैर संचालित होते पाया गया था। इसके बाद रविवार को एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव व अन्य अधिकारियों ने इसका निरीक्षण किया था। इसके बाद सोमवार को एसडीएम भाना के नेतृत्व में टीम में शामिल अधिकारियों ने चार अलग-अलग क्षेत्रों में मदरसों को जांचने पहुंचे। अचानक प्रशासन की जांच में मिल रही भारी अन्यमित्ता से अब सवाल यह है कि रतलाम में सालो से चल रहे नियम विपरीत मदरसों को सरंक्षण कौन दे रहा है। एसडीएम अनिल भाना ने बताया कि चार मदरसो का निरीक्षण किया है। एक बंद मिला है। पंचनामा बनाया है। रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी जाएगी।

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Aseem Raj Pandey
Aseem Raj Pandeyhttp://www.vandematramnews.com
वर्ष-2000 से निरतंर पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विगत 22 वर्षों में चौथा संसार, साभार दर्शन, दैनिक भास्कर, नईदुनिया (जागरण) सहित अन्य समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए वर्तमान में समाचार पोर्टल वंदेमातरम् न्यूज के प्रधान संपादक की भूमिका का निर्वहन। वर्ष-2009 में मध्यप्रदेश सरकार से जिलास्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार के अलावा रतलाम प्रेस क्लब के सक्रिय सदस्य। UID : 8570-8956-6417 Contact : +91-8109473937 E-mail : asim_kimi@yahoo.com
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