– पांच साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने सुनाया महत्व पूर्ण फैसला
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। पांच साल पुराने एक धोखाधड़ी के मामले में सत्र न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। आरोपी संजय सोलंकी ने एक सेवानिवृत्त दरोगा से लोन दिलाने के नाम पर पांच चेक लिए थे और उन चेकों की राशि में हेरफेर कर 4 लाख 5 हजार रुपए निकाल लिए। न्यायालय ने उसे भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाते हुए 10 वर्ष तक की कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
प्रकरण में सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव की अदालत ने संजय सोलंकी (42 वर्ष), निवासी ग्राम मड़ावदा, तहसील खाचरोद, जिला उज्जैन (हाल मुकाम पीथमपुर, जिला धार) को IPC की धारा 420 में 7 वर्ष, धारा 467 में 10 वर्ष, धारा 468 में 7 वर्ष और धारा 471 में 7 वर्ष की सजा और प्रत्येक धारा में 500-500 रुपए जुर्माने से दंडित किया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
ऐसे दिया गया था धोखा
प्रकरण की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि फरियादी बदरुद्दीन, निवासी सूरजमल जैन नगर, रतलाम, नगर निगम से दरोगा पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें सेवानिवृत्ति पर 7 लाख रुपए मिले थे, जिसमें से लगभग 4.5 लाख रुपए बैंक में जमा थे।
इसी बीच जून 2020 में संजय सोलंकी नामक व्यक्ति ने खुद को इंदौर निवासी बताते हुए फरियादी से संपर्क किया और उन्हें 15 लाख रुपए का लोन 8.5% ब्याज दर पर दिलवाने का झांसा दिया। उसने इसके लिए बैंक स्टेटमेंट और दस्तावेज मांगे।
पांच चेक लेकर की ओवरराइटिंग
दिनांक 20 जून 2020 को सुबह संजय फरियादी के घर आया और लोन की प्रक्रिया के नाम पर स्टांप ड्यूटी व खर्च के लिए पैसे मांगे। साथ ही, उसने पांच चेक प्रत्येक 1000 रुपए के भी लिए। चेक में आरोपी के सामने ही अंकों और शब्दों में “एक हजार” लिखा गया, जिस पर बदरुद्दीन ने हस्ताक्षर किए।
इसके बाद आरोपी ने फरियादी से कहा कि वह दोपहर 11 से 4 बजे तक फोन बंद रखें, क्योंकि लोन कंपनी के अधिकारी मकान का निरीक्षण करने आएंगे। जब फरियादी ने शाम को संजय को कॉल किया, तो उसका फोन बंद मिला।
बैंक से मिली धोखाधड़ी की जानकारी
22 जून 2020 को जब फरियादी बैंक पहुंचा, तो पता चला कि पांचों चेक में “1000” की जगह “81000” कर दिए गए हैं और कुल 4 लाख 5 हजार रुपए खाते से निकाल लिए गए हैं। फरियादी की शिकायत पर थाना स्टेशन रोड, रतलाम में IPC की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जालसाजी दस्तावेज का इस्तेमाल) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपी की गिरफ्तारी और जांच
पुलिस ने 13 अक्टूबर 2020 को आरोपी संजय सोलंकी को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि चेक की ओवरराइटिंग कर राशि बदली गई थी। अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने कोर्ट में मजबूत पैरवी की, जिसके आधार पर अदालत ने आरोपी संजय सोलंकी को दोषी मानते हुए 10 वर्ष की कठोर सजा सुनाई।
Website Design By
KAMAKSHI WEB
CONTACT : +91-9753910111


