
– नारद जयंती पर रतलाम में व्याख्यान के दौरान डॉ. जोशी ने कही महत्वपूर्ण बात
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। आज के दौर में बाजारवाद के कारण सोशल मीडिया और कई चैनल फेक नैरेटिव गढ़ने में लगे हैं, जो समाज और देश के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। फार्मा, हथियार और कृषि उत्पाद बनाने वाली कंपनियां अपने हित में सोशल मीडिया के माध्यम से फेक नैरेटिव फैलाती हैं। इस प्रक्रिया में इतिहास, संस्कृति और तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा जाता है। पत्रकारों को चाहिए कि वे खुद को इन बाज़ारवादी औजारों से बचाएं और तय करें कि क्या प्रसारित करना चाहिए और क्या नहीं।
उक्त संबोधन वरिष्ठ पत्रकार, लोकसभा टीवी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष जोशी मुख्य वक्ता के रूप में कहे। विश्व संवाद केंद्र और रतलाम प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में नारद जयंती के अवसर पर एक सारगर्भित व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. जोशी ने “राष्ट्रचिंतन और समाज निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका: नारदीय परंपरा से आज तक” विषय पर अपने विचार रखे। डॉ. जोशी ने युवाओं को भ्रमित करने वाली इस प्रवृत्ति के विरुद्ध सजग रहने का आह्वान किया।
नारद और गणेश से लें पत्रकार प्रेरणा
डॉ. जोशी ने कहा कि नारद मुनि को संचार का आदि स्रोत माना जाता है क्योंकि उन्होंने संवाद को सदा लोककल्याण के लिए उपयोग किया। उन्होंने भगवान गणेश का भी उदाहरण दिया, जिन्होंने वेदव्यास की बातों को यथावत लिखा, अपनी इच्छा या पक्ष नहीं जोड़ा। यही निष्पक्षता आज के पत्रकारों के लिए आदर्श होनी चाहिए।
रतलाम की पत्रकारिता हमेशा रही सकारात्मक
रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेशपुरी गोस्वामी ने कहा कि रतलाम की धरती पत्रकारिता की दृष्टि से हमेशा उर्वर रही है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गोपाल सिंह नेपाली ने यहीं से अखबार निकालकर देशभक्ति का अलख जगाया। भारत की पहली महिला पत्रकार हेमंत कुमारी चौधरी ने भी रतलाम से ही पत्रकारिता की शुरुआत की थी। आभार के दौरान कोषाध्यक्ष नीरज शुक्ला ने कहा कि बड़े शहरों के पत्रकार देश की जमीनी सच्चाइयों से अनभिज्ञ होते हैं, जबकि डॉ. जोशी जैसे व्यक्तित्व, जो यहीं से उठकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचे हैं, स्थानीय पत्रकारों और उनकी चुनौतियों को भलीभांति समझते हैं। संचालन अदिति मिश्रा ने किया।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख चेहरे
व्याख्यान के दौरान वरिष्ठ पत्रकार आरिफ कुरैशी, तुषार कोठारी, भेरूलाल टांक, संजय पाठक, असीमराज पांडेय, राजेश पुरोहित, विवेक बाफना, साजिद खान, मुबारिक शेरानी, समीर खान, राकेश पोरवाल, विवेकानंद चौधरी, जयदीप गुर्जर, सुरेंद्र सिंह, प्रद्युम शर्मा , पुष्पेंद्र सिंह और रतलाम प्रेस क्लब व विश्व संवाद केंद्र के अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।