सैलाना, वंदेमातरम् न्यूज। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते सरवन में झोलाछाप डॉक्टर ने एक माह बाद फिर एक बुजुर्ग की जान के ले ली। गत 30 जुलाई 2025 को भी ग्राम सांकड़ के एक 14 वर्षीय बालक की एक झोलाछाप द्वारा गलत इलाज के चलते मौत हो गई थी।
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल नही कसने के कारण मौतों का यह सिलसिला नही थम रहा है। चार हजार की आबादी वाले अकेले सरवन में ही 22 झोलाछाप प्रसाशन की नाक के नीचे भोले भाले आदिवासी लोगो की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है। रविवार को ग्राम बडीखुर्द निवासी सुनील मईड़ा ने सरवन पुलिस को बताया। मेरे पिताजी धनजी को दो दिन पूर्व बुखार आया था, जिसका ईलाज मैने महापुरा के रहने वाले झोलाछाप क्लिनिक में कराया था। उसके बाद मेरे पिता ठीक हो गये थे। रविवार को सुबह 7 बजे मै व मेरे पिता धनजी हम दोनो मुर्गा बेचने सरवन आये थे। सरवन मे मुर्गा बेचने के दौरान करीबन 10.00 बजे मेरे पिता धनजी की अचानक तबीयत खराब होने से ईलाज हेतु मेरे पिता को बस स्टेण्ड सरवन के पास बंगाली डाक्टर विवेकानन्द पिता माधव मण्डल के पास ईलाज कराने ले गया था, जहां डाक्टर साहब द्वारा मेरे पिता को पहले एक गोली खिलाई उसके बाद इंजेक्शन लगाया और बाटल चढाई इसके बाद डाक्टर साहब द्वारा बोला गया कि इसको सरकारी अस्पताल ले जाओ तो मै मेरे पिता धनजी को सरकारी अस्पताल सरवन लेकर आया, जहां डाक्टर साहब द्वारा परीक्षण करने पर बताया कि इनकी मृत्यु हो गयी है। पुलिस ने बंगाली झोलाछाप के खिलाफ कायमी की है।