– कस्तूरबा नगर में गरीबों की गुमटियां हटाईं, रसूखदारों की अवैध बिल्डिंगों पर लाल निशान भूल गया निगम
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। घोटालों और विवादों से सुर्खियों में रहने वाला नगर निगम रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाता। सडक़ों पर बैठने वाले फुटकर विक्रेताओं सहित सरकारी जमीन पर झोपड़ी बनाने वाले निम्न तपके खिलाफ कार्रवाई का रूबाब दिखाने वाले नगर निगम का दोहरा चेहरा आज फिर एक बार हम आपके सामने ला रहे हैं। मामला कुछ ऐसा है कि वार्ड नंबर 8 स्थित लालबाग कॉलोनी पहुंच मुख्य मार्ग पर एक रसूखदार डॉक्टर दंपति नियम विरुद्ध आलीशान इमारत तान रहे हैं। पिछले एक वर्षोंं से निर्माण जारी है लेकिन निगम के वार्ड इंजीनियर शिवम गुप्ता आंखें मूंदे बैठे हैं। उक्त नियम विरुद्ध निर्मित इमारत को लेकर हाल ही में उच्चस्तरीय शिकायत पहुंची तो नींद से जागे जिम्मेदार वार्ड इंजीनियर गुप्ता ने महज नोटिस देकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली। अहम सवाल यह है कि शिकायत पूर्व कार्रवाई क्यों नहीं हुई? यह बड़ा सवाल अब वार्ड इंजीनियर की पक्षपात पूर्ण कार्यप्रणाली पर खड़े हो रहे हैं।
केस – 1 धनाड्य आखिर क्यों हैं बेखौफ ?

वार्ड नंबर-8 स्थित लालबाग कॉलोनी पहुंच मुख्य मार्ग पर दो संयुक्त व्यवसायिक भूखंडों पर निर्माण के लिए नगर निगम से अनुमति 3 जून-2024 को जारी हुई थी। यह अनुमति भूखंड स्वामी रिधान हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. शैफाली पति डॉ. देवेंद्र शाह और डॉ. देवेंद्र पिता बाबूलालजी शाह के द्वारा प्रस्तुत आवेदन और शपथ-पत्र के आधार पर सौंपी गई थी। उक्त भूखंड़ों पर नियम विरुद्ध मिनिमम ओपन स्पेस (एमओएस) के अलावा पांच मंजिला इमारत तान दी गई। पिछले एक वर्ष से हो रहे नियम विरुद्ध निर्माण को जिम्मेदारों ने कार्रवाई तो दूर रोक-टोक करना भी मुनासिब नहीं समझा। हालांकि नगर निगम की आपसी सांठगांठ को लेकर यह मामला अब उच्चस्तर पर पहुंच चुका है। जल्द ही मामले में रसूखदार डॉक्टर दंपति के अलावा संरक्षण देने वाले जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई देखी जा सकती है।
केस – 2 बिल्डिंगों पर लाल निशान लगाकर भूले ?

रतलाम नगर निगम का पक्षपात पूर्ण कार्रवाई का दूसरा मामला कस्तूरबा नगर का है। सुभाष नगर ब्रिज निर्माण के साथ ही छह माह पूर्व कस्तूरबा नगर क्षेत्र में निम्न तपके के गुमटीधारियों को विकास कार्य के नाम पर हटा दिया। नियम के मुताबिक इन बेरोजगारों का रोजगार का नया स्थान (पुनर्वास स्थल) तक नहीं दिया गया। इसी क्षेत्र में समानता से सडक़ के नवनिर्माण की चौड़ाई रखने के लिए अतिक्रमण में रसूखदारों द्वारा तानी बिल्डिंगों को भी तोडऩा था। गुमटियां हटाने के बाद विरोध के उठते स्वरों के दौरान तत्काल रूप से निगम के इंजीनियरों ने बिल्डिंगों की नपती कर लाल निशान लगा दिए थे। खास बात यह है कि रसूखदारों की बिल्डिंगों पर लगाए लाल निशान को निगम इंजीनियर सांठगांठ कर भूल चुके। इन बिल्डिंगों पर लगे लाल निशान इस बात का प्रमाण हैं कि निगम के जिम्मेदार सिर्फ गरीबों और बेसहारा पर कार्रवाई करती है और रसूखदारों पर कार्रवाई से डरती है।
निगम आयुक्त का मोबाइल स्वीच ऑफ
रतलाम नगर निगम की शहर में भेदभाव पूर्ण कार्रवाई के अलावा रसूखदारों को दिए जा रहे संरक्षण के सवाल पर आयुक्त हिमांशु भट्टे से जवाब लेना चाहा तो उनका मोबाइल स्वीच ऑफ मिला। मामले में जब वार्ड नंबर-8 के उपयंत्री (सब-इंजीनियर) शिवम गुप्ता से जवाब मांगा गया तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर दंपति को नोटिस जारी किया है। नोटिस शिकायत से पहले जारी क्यों नहीं किया? जवाब में उपयंत्री गुप्ता निरुत्तर रहे। उनके निरुत्तर रहने का प्रमाण है कि उन्होंने नियम विरुद्ध डॉक्टर दंपति की निर्मित इमारत को संरक्षण दे रखा था।