
– सराफा व्यापारी शर्मा से तीन वर्ष पहले हुई थी लाखों की सनसनी वारदात
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिले में तीन वर्ष पूर्व सराफा व्यापारी प्रियेश शर्मा से 9 लाख रुपए और सोने के गहनों की बहुचर्चित हथियार के साथ डकैती का महत्वपूर्ण फैसला आ गया है। मामले में 12 आरोपी दोषी पाए गए हैं। डकैती में शामिल एक आरोपी की हत्या हों चुकी है। यह महत्वपूर्ण फैसला रतलाम कोर्ट के न्यायाधीश राजेश नामदेव की अदालत ने सुनाया है। हथियारबंद सभी 12 आरोपियों को 7- 7 वर्ष के कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि अदालत फैसले के समय तीन आरोपी अजय उर्फ अज्जू, तरुण पडियार और कान्हा उर्फ जितेंद्र कोर्ट से भाग निकले। इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर संबंधित थाने को गिरफ्तारी के आदेश जारी हुए हैं।
प्रकरण की पैरवीकर्ता अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि 31 जनवरी 2022 की रात करीब 11:15 बजे सराफा व्यापारी शर्मा धार से ग्राम करमदी लौट रहे थे। जैन मंदिर के पास एक ग्रे सिल्वर स्विफ्ट डिजायर गाड़ी ने उनकी कार रोक ली, जबकि पीछे एक मेहरून रंग की होंडा अमेज गाड़ी खड़ी हो गई। गाड़ियों से उतरे 3-4 बदमाशों ने लकड़ी से वार कर कार के कांच फोड़ दिए और गोल्ड रंग की पिस्तौल दिखाकर सराफा व्यापारी शर्मा से काला बैग लूट लिया था। बैग में 9 लाख रुपए नकद, गहने और दस्तावेज थे। घटना के बाद आरोपी ग्राम करमदी की ओर फरार हो गए थे।
पुलिस जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी
माणक चौक थाना प्रभारी अनुराग यादव के नेतृत्व में सीसीटीवी फुटेज, मुखबिर तंत्र और जीपीएस डेटा के आधार पर जांच हुई। आरोपियों की पहचान के बाद पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनसे 8 लाख 66 हजार रुपए नकद, सोने का कंगन, लूट में प्रयुक्त दो कार, एक मोटरसाइकिल, पिस्तौल, कारतूस और लाठी-डंडे बरामद किए थे।
वारदात में शामिल इन अभियुक्तों को मिली सजा
वारदात में शामिल अजय उर्फ अज्जू जाट, कार्तिक उर्फ शैलू, कान्हा उर्फ जितेंद्र, मोहित राठौड़, यशवंत उर्फ युग, तरुण पडियार, सुनील उर्फ श्याम, भावेश द्विवेदी, कुलदीप जाट, नारायण उर्फ डेविड, विशाल धाकड़, पंकज जाट को दोषी पाते हुए 7-7 वर्ष की कठोर सजा और अर्थदंड सुनाया है।मामले में आरोपी गजेंद्र डोडिया की हत्या हो चुकी है।
फरियादी ने पहचानने से किया था इनकार
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 13 साक्षियों के बयान और सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य सबूत पेश किए गए। फरियादी ने आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया, लेकिन बरामद 8 लाख 66 रुपए और सोने का कंगन अपना बताया और उन्हें सुपुर्दगी में ले लिया। अदालत ने महत्वपूर्व साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर 12 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।