
असीम राज पाण्डेय, रतलाम। शहर के महू रोड स्थित होटल समता में जुए का अड्डा सागर की तरह लंबे समय से उछाले मार रहा था। संबंधित थाना की मौन स्वीकृति के बाद कप्तान की कार्रवाई ने चौराहों पर चर्चा के साथ सवालों को जन्म दे दिया है। कार्रवाई को लेकर उठ रहे तीन प्रमुख सवालों में सबसे अहम यह है कि होटल का मालिक (हाथी) को आरोपी क्यों नहीं बनाया…?, दूसरा सवाल रसूखदारों के पत्ते फेटने के दौरान रूम नंबर-336 में कुल जमा 10 जुआरी थे, तो 9 ही आरोपी क्यों बने ? इसके अलावा अंतिम और सबसे खास सवाल यह है कि 200 से 400 रुपए का सट्टा पकड़ने वाली खाकी हमेशा आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक की कार्रवाई करती है। होटल के रूम नंबर-336 में ताश फेंटने वाले रईसजादों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई से परहेज क्यों किया? कुख्यात जुआरी की होटल में दबिश के बाद कई अनगिनत सवालों ने खाकी की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई ने प्रश्नचिन्ह लगा दिए है कि आखिर रईसजादों पर खाकी ने इतनी मेहरबानी क्यों। ये अंदर की बात है… कि इन सवालों से बचने के लिए खाकी भले फूलछाप नेता जी के मोबाइल का हवाला देकर रईसजादों को राहत देकर खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश में जुटी रहे लेकिन खाकी यह भूल चुकी है कि रतलाम की पब्लिक है जो सब जानती है।
करोड़ों की सीवरेज पर फिरा पानी
रतलाम वासियों को घरों के चैंबरों की गंदगी और शहर को स्वच्छ बनाने की 146 करोड़ का सीवरेज प्रोजेक्ट गली-गली से लेकर मोहल्लों-मोहल्लों के अलावा सडक़ों पर गंदगी उगलने लगा है। कंपनी ने औपचाराकिता में रतलाम को खोद पाइप बिछाकर दस्तावेजों पर ऐसा खेल खेला कि अब इस प्रोजेक्ट से आमजन परेशान हैं। पिछले दिनों रतलाम में हुई मूसलाधार बारिश से सीवरेज का पानी घरों में घुस गया। अभी तक पार्षदों को सडक़, पानी और स्ट्रीट लाइट की शिकायतें होती थी, लेकिन अब वार्ड पार्षदों को सीवरेज की एक नई समस्या सुनने को मिलने लगी है। कंपनी करोड़ों के बील लेकर योजना से पल्ला झाडक़र नगर निगम के माथे समस्या छोड़ चुकी। निगम के जलप्रदाय विभाग ने इसका तोड़ निकाला है कि जहां-जहां पानी की पाइप लाइन के ऊपर सीवरेज बिछाई है उसे चिन्हित किया जाए और प्रोजेक्ट तैयार कर पानी की पाइप लाइन अलग की जाए। ये अंदर की बात है… कि जमीनी स्तर पर रतलाम में जब सीवरेज बिछाई जा रही थी तब जनता ने कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। निगम के जिम्मेदारों का जवाब रहता था कि रतलामवासियों की सोच कभी ऊपर उठेगी ही नहीं। सीवरेज की अब समस्या खड़ी होने पर नए जिम्मेदार (पार्षद और अधिकारी) एक-दूसरे का मुंह ताक रहे हैं।
इसे कहते हैं चोरी फिर सीनाजोरी
रतलाम के सैलाना रोड स्थित अनुमति बगैर संचालित स्वीमिंग पूल, मांगलिक भवन के अलावा पड़ोस में होटल के आवागमन का मुख्य रास्ता बंद हो चुका है। नियमों में फेरबदल कर जादूगरी दिखाने वालों को करारा झटका तब लगा था, जब निगम प्रशासन ने 6 हजार 200 स्क्वेयर फीट जमीन को अपने कब्जे में लिया। बगीचे की उक्त जमीन पर निगम के जिम्मेदार पौधे रोपने पहुंचे तो सफेद पोश के इशारे पर होटल (जो कि नियम विरुद्ध निर्मित) संचालक ने न्यायालय से प्राप्त कोर्ट का स्टे आदेश दिखाया। होटल संचालक ने न्याय के मंदिर पहुंच चोरी के बाद सीनाजोरी का खेल शुरू किया है। मगर होटल संचालक यह भूल गया कि उक्त कब्जाई बगीचे की जमीन का निर्णय उच्च न्यायालय ने जारी है। उच्च न्यायालय के आदेश के विपरित भले ही होटल संचालक नए सिरे से अर्जी लगा रहा हो लेकिन ये अंदर की बात है… कि उक्त होटल संचालक ने जिस जमीन पर होटल तानी है। उक्त भूमि पर उसने मकान और हॉस्टल निर्माण की अनुमति ले रखी है। हालांकि न्यायालय दो दिन बाद सभी दस्तावेजों और अनुमतियों के आधार पर चोरी और सीनाजोरी करने वाले को आइना दिखाएगी। इसके अलावा होटल संचालक की ओर से दिखाई जा रही सीनाजोरी का जवाब जल्द प्रशासन अवैध निर्माण की कार्रवाई के रूप में रतलाम वासियों को दिखाएगा।