असीम राज पांडेय
रतलाम। सिविक सेंटर की रजिस्ट्रियों ने अब माननीय की हवा पतली कर रखी है। नगर की आय और व्यय के पेश होने के दौरान भ्रष्ट प्रशासनिक मुखिया ने निगम माननीय के पास बैठ गुफ्तगू कर पार्षदों को खूब चैलेंज और महिला पार्षदों का अपमान किया। पॉवर में मदमस्त माननीय बिना रोक-टोक मामले में फूलछाप पार्षदों को ही प्रजा की तरह ट्रीट करते रहे। विरोध की आग तेज होने पर आंखों ही आंखों में स्क्रिप्ट अनुरूप फूलछाप पार्षद दल को सचेत करने वाले (हजूरिया) को आगे बढ़ाया। माननीय सत्ता के नशे में भूल गए कि वह ही सर्वोपरी नहीं है। नतीजतन जिस मुखिया के माध्यम से करोड़ों डकारकर मदमस्त मुस्कराहट सम्मेलन में देखी जा रही थी, वह दो दिन में काफूर हो गई। विश्वसनीय घूसखोर के निलंबन और उच्चस्तरीय जांच के आदेश पर माननीय ने रंग बदलकर जिला मुखिया के पास पहुंच फोटो खिंचवाकर जनता में संदेश पहुंचाने की कोशिश की कि मुझे तो कुछ भी नहीं पता। ये अंदर की बात है कि माननीय के रंग बदलने से रतलामवासी अच्छे से वाकिफ हैं, क्योंकि वह माननीय बनने के बाद अब तक कई बार रंग बदल पार्टी की छवि धूमिल कर चुके हैं।
होली से पहले बरसाने की लट्ठ होली आई नजर
शहर के डालूमोदी बाजार चौराहे पर पिछले दिनों एक बैनर चर्चा में छाया हुआ है। जमीन की खरीद-फरोख्त कराने वाले ब्रोकर ने पूर्व मंत्री के गढ़ में होली के उल्लास के साथ तीन नेताओं के फोटो का बैनर लगाया। इस बैनर को देख पूर्व मंत्री के अनुज का मूड खराब हो गया और उन्होंने बैनर में बड़े फोटो वाले नेताजी को मोबाइल घनघनाया। मामला गरमाने के बाद नवागत फूलछाप पार्टी के जिला मुखिया के पास नेताजी का फोन पहुंचा। इसके बाद आनन-फानन में नेताओं के फोटो की जगह होली के उल्लास को दर्शाते हुए बैनर लगाया गया, लेकिन उस बैनर में लिखी एक पंच लाइन पूर्व मंत्री के समर्थकों को नागवार गुजरी। इसके बाद वापस नेताजी और नवागत फूलछाप पार्टी तक शिकवा-शिकायत पहुंची। मामला ज्यादा गरमाने के बाद जमीन के खरीद-फरोख्त करने वाले ब्रोकर का नाम सामने आया तो उसने उक्त बैनर ही उतार घड़ी कर लिया। ये अंदर की बात है कि डालूमोदी चौराहे की चर्चा अब शहर के प्रमुख चौराहों पर है कि एक बैनर में होली के उल्लास से पहले लट्ठ होली बरसाने वाली भी देखने को मिली।
छोटे साहब ने फाइलों से खूब निकाली मलाई
नगर निगम में जादूगरी का दौर बदस्तूर जारी है। भ्रष्टाचार और अव्यवहार के कारण निगम के दो नंबर वाले साहब भले ही दस्तावेजों पर कार्य से मुक्त कर दिए गए हों, लेकिन वह शहरी आजीविका मिशन में बैठ फाइलों पर धड़ल्ले से साइन कर रहे हैं। फाइलों की पोटरी शागिर्दो से मंगवाकर छोटे साहब ने पुरानी तारीखों से ऐसी जादूगरी दिखाई कि पैंडिंग फाइल में भी राशि पक गई। यह साहब भले ही अरसे से नियम विपरित नंबर दो के साहब बन कंबल ओढ़ घी पी रहे थे, लेकिन पिछले दिनों इनका कंबल फूलछाप पार्टी के कुछ पार्षदों ने खींच लिया है। इससे नंबर दो वाले साहब ने निगम में अपनी चमचमाती कार से आना तो बंद कर दिया, लेकिन परिसर के पास अबाड़-कबाड़ वाले डिपार्टमेंट में संचालित शहरी आजीविका मिशन में बैठ उन फाइलों से भी मलाई निकालने का काम किया, जिससे इनकी जेब का वजन कम न हो। ये अंदर की बात है कि आने वाले दिनों में नंबर दो वाले साहब भी नंबर एक वाले साहब की कतार में खड़े होने वाले हैं, क्योंकि बहुचर्चित कांड में इनकी भूमिका भी अग्रणी है।