
– किसान नेता डीपी धाकड़ के नेतृत्व में किसानों ने मौके पर काम नहीं करने की दी एसडीओ को दी चेतावनी
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिला मुख्यालय का सेजावता-बंजली बायपास फोरलेन निर्माण पिछले पांच माह से हो रहा है। किसानों को जमीनों का मुआवजा दिए बगैर निर्माण कार्य 50 फीसद से अधिक हो गया है। इसके अलावा कुछ किसानों की जमीन पर जबरदस्ती निर्माण एजेंसी ने मुरम डालकल सडक़ निर्माण किया जा रहा है। रतलाम लोकनिर्माण विभाग (PWD) की मनमानी को लेकर सोमवार को अपने हिस्से की जमीन लेने पर जबरदस्ती कब्जा करने के खिलाफ विरोध जताया।
सोमवार दोपहर 12.15 बजे निर्माणाधीन रतलाम के सेजावता-बंजली फोरलेन पर बीती रात एक दर्जन से अधिक किसानों की कृषि भूमि पर मुरम डालने को लेकर किसान एकजुट हो गए। किसान नेता डीपी धाकड़ के नेतृत्व में मौके पर किसानों ने रतलाम लोकनिर्माण विभाग (PWD) एसडीओ पीके राय को जमकर नाराजी जताई। किसान नेता धाकड़ ने एसडीओ राय से कहा कि भू-अर्जन की कार्रवाई बगैर आप कैसे किसी भी किसान की जमीन पर सडक़ बना सकते हैं। किसान नेता धाकड़ ने प्रदेश सरकार और लोकनिर्माण विभाग पर किसानों की जबरदस्ती जमीन हथियानें का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी कह रहे हैं कि हमने किसानों से सहमती ली है, लेकिन मेरी आपत्ति है। किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है। रतलाम लोकनिर्माण विभाग को राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार नपती करवाना चाहिए। अगर किसानों के हिस्से में उक्त जमीन नहीं है तो किसान इसका विरोध नहीं करेंगे और न ही मुआवजा लेंगे। किसान मदनलाल धाकड़ ने बताया कि उनकी कृषि भूमि में करीब 15 फीट चौड़ी और 60 फीट लंबाई की भूमि पर जबरद्सती बीती रात निर्माण एजेंसी और अधिकारियों ने कब्जा कर लिया है। सोमवार को मौके पर किसानों ने प्रदर्शन के बाद एसडीएम के नाम एक लिखित ज्ञापन भी सौंपा है।
जबरदस्ती बना रहा पीडब्लूडी फोरलेन
सेजावता-बंजली निर्माणाधीन फोरलेन पर आक्रोश जताने के बाद किसानों ने रतलाम एसडीएम के नाम हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा। किसानों ने ज्ञापन में एसडीएम को अवगत करवाया है कि रतलाम लोकनिर्माण विभाग (PWD) सेजावता-बंजली फोरलेन निर्माण नियम विपरित करवा रहा है। सैकड़ों किसानों व व्यवसायियों की भूमि पर जबरदस्ती कब्जा कर निर्माण किया जा रहा है। नियमानुसार पूर्व में नपती के दौरान किसान और व्यवसायियों से जमीन अधीग्रहण की अनुमति ली जाती है और उसके बाद मुआवजा देने के बाद निर्माण किया जाता है। किसानों की मांग है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाता है, निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से रुकवाया जाए।
हो चुके मुआवजा पत्रक तैयार
कुछ कतिपय किसान नाजायज तरीके से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जो विरोध कर रहे हैं उन किसानों की कृषि भूमि फोरलेन निर्माण में नहीं ली गई है। जिन किसानों की जमीन फोरलेन निर्माण में आई है उनके मुआवजा पत्रक तैयार हो चुके हैं। – पीके राय, एसडीओ-लोकनिर्माण विभाग रतलाम (मध्यप्रदेश)