रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। बौद्धिक दिव्यांगजनों के जीवन में आत्मनिर्भरता की रोशनी जलाने के लिए कार्यरत लखदातार फाउंडेशन की स्थायी परियोजना ‘सारथी’ द्वारा दिवाली पर्व के अवसर पर “दिव्यज्योति दीपक” उपहार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर मिशा सिंह (IAS) ने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और बच्चों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सारथी संस्था का बौद्धिक दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना वास्तव में ईश्वरीय कार्य है।

संस्था सारथी के बौद्धिक दिव्यांग बच्चों ने अपनी प्रतिभा और लगन से 15 हजार कलात्मक दीपक तैयार किए, जिनकी बिक्री से 80 हजार रुपए की आय प्राप्त हुई। यह उपलब्धि उनके आत्मविश्वास और स्वावलंबन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। संस्था की उपलब्धियों की जानकारी मिलते ही कलेक्टर मिशा सिंह और सीईओ जिला पंचायत वैशाली जैन ने संयुक्त रूप से योजना बनाकर बच्चों के उत्पादों को ई-कॉमर्स पोर्टल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विक्रय की स्वीकृति दी। साथ ही शहर में एक स्थायी विक्रय स्थल प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया, ताकि दिव्यांग बच्चों के कलात्मक उत्पादों को उचित बाजार मिल सके।


समारोह में उपहार वितरण और बच्चों का सम्मान
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मिशा सिंह ने दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया। बच्चों ने प्रार्थना प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर लायंस क्लब रतलाम समर्पण की अध्यक्ष श्वेता विन्चुलकर, सक्षम सविता प्रकोष्ठ के अशोक जैन चोटाला विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत संस्था संचालिका लायन स्वाति सोलंकी, छात्र रेहान और अन्य विद्यार्थियों ने किया। मुख्य अतिथि द्वारा बच्चों को उनकी मेहनत की कमाई से प्राप्त लाभ के रूप में कपड़े, मिठाई, पटाखे और नगद राशि के रूप में उपहार वितरित किए गए।
दिवाली बनी समावेशी समाज की मिसाल
इस विशेष दिवाली उत्सव ने समाज में समावेशिता और संवेदना की भावना को सशक्त किया। कार्यक्रम के पश्चात् कलेक्टर मिशा सिंह ने संस्था का भ्रमण किया और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में संस्था सारथी के संस्थापक एवं स्नेह उपनिदेशक महेशचन्द्र राठौड़, अशोक सोलंकी, लायन अनीता झालिवल, लायन सविता तिवारी, लायन कविता व्यास, दिव्या श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक के गौरव शर्मा, शिक्षिका संध्या भारती, भावना राठोर, सविता नागर, अभिभावकगण और बच्चे उपस्थित रहे।