
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Somnath Jyotirlinga) के मूल स्वरूप से जुड़े 11 पावन अंशों की ऐतिहासिक यात्रा रतलाम (Ratlam) में आने वाली है। यह यात्रा 21 दिसंबर 2025 को रतलाम (Ratlam) में प्रवेश करेगी और श्रद्धालुओं को दो दिनों तक इन दिव्य अंशों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।

21 दिसंबर को शाम 4 बजे से रतलाम (Ratlam) श्री कालिका माता परिसर में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। वहीं 22 दिसंबर की सुबह 9 बजे से बिलपांक स्थित विरुपाक्ष महादेव मंदिर परिसर में ज्योतिर्लिंग यात्रा विराजित रहेगी। बता दें कि यह यात्रा उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ हुई है। यात्रा को जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर जोन में विभाजित किया गया है। इंदौर जोन से होते हुए यह 21 दिसंबर को रतलाम (Ratlam) पहुंचेगी।
आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का अवसर
आर्ट ऑफ लिविंग मध्यप्रदेश राज्य शिक्षक समन्वयक डॉ. लोकेंद्र सिंह कोट ने बताया कि सदियों तक दुनिया से छिपे रहने के बाद इन पावन अंशों की मध्यप्रदेश के कई शहरों में यात्रा निकाली जा रही है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि सोमनाथ में पुनः प्रतिष्ठा से पूर्व ये अवशेष देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों और पवित्र केंद्रों की यात्रा करेंगे, ताकि अधिक से अधिक भक्त इनके दर्शन कर सकें।
गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर के संरक्षण में हैं अंश
जानकारी के अनुसार तमिलनाडु के पंडित सीताराम शास्त्री, जो पीढ़ियों से इन अंशों की पूजा करते आ रहे थे, इन्हें कांची शंकराचार्य के पास लेकर पहुंचे थे। शंकराचार्य के निर्देश पर ये अंश बेंगलुरु में गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर के संरक्षण में सौंपे गए। गुरुदेव विश्वभर में शांति और सद्भाव का संदेश दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर वे संयुक्त राष्ट्र को भी संबोधित करेंगे।
कार्यक्रम में गणमान्यजन रहे मौजूद
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग यात्रा की जानकारी के दौरान समन्वयक पुरू परमार, कुड़ेल नदी प्रोजेक्ट के निदेशक शिवनारायण पाटीदार, आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक राजेश सोलंकी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

