रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। दीपोत्सव पर इस बार रतलाम शहर में भक्ति और वैभव का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। माणकचौक स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर के साथ पहली बार कालिका माता मंदिर क्षेत्र में बने श्री महालक्ष्मीनारायण मंदिर को भी नोटों से सजाया गया है। दोनों मंदिरों में केवल मुद्रा से बनी इस अनूठी सजावट ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया है।


मंदिरों की सजावट के लिए भक्तों द्वारा दी गई ₹1, ₹2, ₹5, ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200 और ₹500 के नोटों की गड्डियों का उपयोग किया गया है। इस वर्ष आभूषणों का उपयोग नहीं किया गया, बल्कि केवल नोटों से ही माता लक्ष्मी का श्रृंगार हुआ है। भक्त दीपोत्सव तक इस दिव्य सजावट के दर्शन कर सकेंगे।


भक्तों को दी जा रही ‘कुबेर पोटली’
माणकचौक मंदिर में शनिवार से श्रद्धालुओं के लिए ‘कुबेर पोटली’ वितरण शुरू किया गया है। यह परंपरा भक्तों में समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। मंदिर पहले से ही अपनी अनूठी सजावट के लिए देशभर में प्रसिद्ध है, और इस बार पूर्णतः मुद्रा आधारित श्रृंगार ने इसे और भी खास बना दिया है।
सख्त सुरक्षा और डिजिटल व्यवस्था
मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया है। नकदी देने वाले भक्तों की ऑनलाइन एंट्री की गई। प्रत्येक दानकर्ता को ई-मेल पर टोकन नंबर और ओटीपी जारी किया गया। राशि लौटाने के दौरान भी ओटीपी और टोकन नंबर आवश्यक रहेगा। मंदिर परिसर में 22 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, और पुलिस बल भी तैनात है। मंदिर के पुजारी अश्विन पुजारी ने बताया कि सैकड़ों श्रद्धालुओं ने नकद दान किया है, जिसमें ₹1 से लेकर ₹500 तक के नोटों की गड्डियां शामिल हैं।
पहली बार महालक्ष्मीनारायण मंदिर भी सजा वैभव से
माणकचौक मंदिर की प्रेरणा से इस वर्ष कालिका माता मंदिर क्षेत्र स्थित श्री महालक्ष्मीनारायण मंदिर में भी दीपोत्सव के लिए भव्य सजावट की गई है। यहां भी सैकड़ों भक्तों ने नोटों की गड्डियां अर्पित की हैं। पुजारी असीम व्यास और दीपक व्यास ने बताया कि हर दानकर्ता का आधार कार्ड लेकर रसीद जारी की गई है, जिसमें जमा राशि का स्पष्ट विवरण दर्ज है। मंदिर में चार स्थायी और छह अस्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि सभी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। पुलिस जवान भी पूरे समय तैनात हैं।