– जालसाज पटवारी ने हाईकोर्ट में फर्जी अनापत्ति से प्राप्त की थी अग्रिम जमानत
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिले के आलोट तहसील में पदस्थ तत्कालीन पटवारी हेमंत बागड़ी के खिलाफ डेढ़ वर्ष पूर्व जालसाजी के प्रकरण में पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इंदौर हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए फरार पटवारी बागड़ी के बैंक खाते सीज करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। इसके लिए रतलाम जिला पुलिस अधीक्षक ने जालसाज पटवारी को गिरफ्तार करने के लिए 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया है। बता दें कि जालसाज पटवारी बागड़ी ने फरियादी के नाम से हाईकोर्ट में फर्जी (जाली) अनापत्ति प्रस्तुत कर अग्रिम जमानत ली थी, जिसे कोर्ट दो माह पूर्व ही निरस्त कर चुकी है। मामले में रतलाम की वकील और नोटरी सुनीता छाजेड़ को भी नोटिस जारी किया है।

इंदौर हाईकोर्ट में फरार जालसाज पटवारी बागड़ी की गिरफ्तारी नहीं होने पर औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी को तलब किया था। कोर्ट के आदेश पर औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी वीडी जोशी और एलएम खान पेश हुए थे। न्यायालय ने थाना प्रभारी जोशी से पूछा कि 14 अक्टूबर 2024 को पटवारी बागड़ी की जालसाजी सामने आने पर अग्रिम जमानत का आदेश निरस्त कर दिया है, इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई? जवाब में थाना प्रभारी जोशी ने बताया कि न्यायालय के आदेश पश्चात फरार पटवारी बागड़ी को गिरफ्तार करने के लिए रतलाम जिला पुलिस ने 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इसके अलावा उसकी गिरफ्तारी के प्रयास निरंतर जारी है। इंदौर हाईकोर्ट ने पुलिस को मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 से पूर्व फरार जालसाज पटवारी बागड़ी को गिरफ्तार कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि जालसाज आरोपी पटवारी हेमन्त पिता महेन्द्र बागडी रतलाम के 80 फीट रोड स्थित कर्मचारी कॉलोनी का रहने वाला है। उसे पटवारी पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। इसके पूर्व वह भाजपा के एक मोर्चे का मीडिया प्रभारी भी रहा था और युवाओं को अध्ययन एक प्रयास नामक संस्था के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित करता था। इसके लिए वह सत्ताधारी नेताओं का करीबी बनकर संरक्षण लेकर लोगों से चंदा भी वसूलता था। अनुकम्पा में पटवारी पद पर नियुक्ति के बाद भी वह आमजन से धोखाधड़ी करने में नहीं चूकता था। डेढ़ वर्ष पूर्व मार्च-2023 में उसके खिलाफ दो जालसाजी के मुकदमें दर्ज हुए थे।
रतलाम की वकील और नोटरी की सेवा रिपोर्ट तलब
रतलाम औद्योगिक क्षेत्र थाना में जालसाजी के प्रकरण के बाद आरोपी हेमंत बागड़ी अग्रिम जमानत के लिए शातिराना दिमाग से जाली अनापत्ति तैयार करवाई थी। पुलिस से बेखौफ आरोपी पटवारी बागड़ी ने फरियादी महेंद्र परमार के नाम पर जाली अनापति तैयार करवाकर इंदौर हाईकोर्ट में आवेदन लगाया। कोर्ट ने भी फरियादी का अनापत्ति दस्तावेज पाकर उसे 22 जून 2023 को अग्रिम जमानत दी थी। मामले में फरियादी महेंद्र परमार को जानकारी मिली तो उनके द्वारा हाईकोर्ट में प्रमुखता से बात रखी की जो दस्तावेज उनका अनापत्ति संबंधित प्रस्तुत किया है, वह जाली (फर्जी) है। हाईकोर्ट ने फरियादी महेंद्र परमार के आवेदन पर सुनवाई पश्चात मामले में जालसाज पटवारी बागड़ी को जारी अग्रिम जमानत का आदेश 14 अक्टूबर 2024 को निरस्त किया था। इसके अलावा रतलाम पुलिस को मामले की जांच के निर्देश भी दिए थे। इसके अलावा इंदौर हाईकोर्ट में महेंद्र परमार के नाम पर जाली शपथ पत्र तैयार करने पर रतलाम की वकील और नोटरी सुनीता छाजेड़ को नोटिस जारी किया था। मंगलवार को नोटिस के एवज में वकील छाजेड़ की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं हुआ। इसके अलावा सेवा रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं हुई। इंदौर हाईकोर्ट ने 21 जनवरी 2025 से पूर्व रतलाम की वकील और नोटरी छाजेड़ की सेवा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।
जालसाज पटवारी बागड़ी के खिलाफ जालसाजी के यह दो मामले
मामला-1 जालसाज पटवारी हेमंत बागड़ी ने परिचित महेन्द्र पिता फकीरचन्द परमार निवासी हनुमान रुण्डी को लोन दिलाने के लिए उनके पहचान संबंधी दस्तावेज लिए। इन दस्तावेजों पर अपने साथी शैलेष के फोटो लगाकर इण्डियन ओवरसीज बैंक में महेन्द्र परमार के नाम का नकली खाता खुलवाया। इस खाते के माध्यम से हीरो फायनेन्स कंपनी से लोन भी हासिल कर लिया। परमार को धोखाधडी की जानकारी तब मिली, जब फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ने उन्हें कॉल कर लोन की किस्त जमा कराने के लिए कहा। परमार ने इण्डियन ओवरसीज बैंक जाकर पता किया तो पता चला कि उसके नाम पर खाता खुलवाया गया है और पांच लाख से अधिक का लोन भी ले लिया गया है। बैंक के रिकॉर्ड में परमार के फोटो के स्थान पर अन्य व्यक्ति का फोटो लगा मिला। परमार ने मामले की शिकायत रतलाम के तत्कालीन एसपी अभिषेक तिवारी को जिसके बाद औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने परमार की रिपोर्ट पर आरोपी पटवारी हेमन्त बागड़ी और शैलेष के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467, 468 में प्रकरण दर्ज किया था।
मामला -2 आरोपी पटवारी हेमंत बागड़ी ने एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर निजी स्कूल की शिक्षक शालिनी पति प्रशान्त सक्सेना के नाम का भी बैंक में फर्ची खाता खुलवाकर धोखाधड़ी की। उनसे भी पहचान संबंधी दस्तावेज प्राप्त कर महिला सहयोगी प्रतिभा पिता ललित पेन्टर निवासी गोशाला रोड के साथ मिलकर बैंक ऑफ बड़ौदा में सक्सेना के नाम का खाता खुलवाया। दस्तावेजों में आरोपी ने शालिनी के स्थान पर प्रतिभा का फोटो लगाया गया। सक्सेना को धोखाधड़ी की लगी भनक तो उन्होंने पुलिस से सम्पर्क किया। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने उनकी रिपोर्ट पर भी जालसाज आरोपी हेमंत और प्रतिभा के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और धोखाधडी करने की धाराओं 420, 467, 468 भादवि के तहत केस दर्ज किया था।