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महापौर चुनाव : कांग्रेस प्रत्याशी मयंक जाट ने दायर की याचिका, कोर्ट ने दिए भाजपा समेत पांच प्रत्याशियों को नोटिस जारी करने के आदेश

रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
जिला कोर्ट ने नगर निगम महापौर के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर नवनियुक्त महापौर प्रहलाद पटेल तथा शेष 5 प्रत्याशियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए। उक्त याचिका महापौर के कांग्रेस प्रत्याशी मयंक जाट ने दायर की थी।

याचिकाकर्ता मयंक जाट ने अपनी याचिका में चुनाव में भ्रष्ट आचरण अपनाकर मतदाता को प्रभावित करने, आदर्श आचार संहिता के विपरित चुनाव लड़ने व शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। याचिका में चुनाव को निरस्त करने की मांग की है।

इन बिंदुओं पर दायर हुई याचिका
याचिका में बताया गया की सत्तारूढ़ दल के वित्त मंत्री दिनांक 12 जुलाई को रात्रि तक शहर में भ्रमण कर मतदाताओं को प्रभावित करते रहे। विधायक चेतन काश्यप ने विभिन्न प्रकार की असत्य घोषणा कर मतदाताओं को भ्रमित किया।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने आमसभा करने के लिए प्रारंभ में अनुमति देने से इन्कार किया। बाद में मुख्यमंत्री की आमसभा तय हो जाने पर आमसभा के समय से मात्र 2 घंटे पहले अनुमति दी। जिससे कांग्रेस प्रत्याशी 5 के स्थान पर 2 ही आमसभा कर पाए।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा द्वारा सार्वजनिक रूप से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ असत्य टिप्पणी की गई। जिससे उसकी छवि धूमिल हुई और मतदाता भ्रमित हुए। याचिकाकर्ता मयंक जाट ने कहा कि नगर निगम द्वारा शहर में नियम के विपरीत आधी रात में सड़कों की रिपेयरिंग, लाइट तथा कलर का कार्य किया गया। मुख्यमंत्री के रोड शो के मार्ग को फायर ब्रिगेड लगा कर पानी से धोया गया। मुख्यमंत्री की रैली तथा सभा के लिए शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग किया गया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि नियम के विपरीत गोल्ड काम्प्लेक्स का टेंडर खोला गया और उसका प्रचार किया गया। नगर निगम आयुक्त द्वारा आचार संहिता के विपरीत भाजपा उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए 60 से ज्यादा वाहन लगा कर मतदाताओं को मतदान केंद्र पर लाया गया तथा उन्हें पार्टी विशेष को वोट देने के लिए कहा गया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे प्रकरण दर्ज किए गए। उन्हें गैरकानूनी रूप से धारा 151 मे बंद कर 10-10 दिन तक जेल में निरुद्ध किया गया और मतदान करने तथा चुनाव प्रचार का कार्य करने से रोका गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि मशीनों में हेरफेर किए गए तथा 23 बूथ पर गिरे मत तथा प्राप्त मत मे 1 मत से लगाकर 62 मत तक का अंतर पाया गया।


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