– जावरा एसडीएम को ठगने की कोशिश, मृतका के नाम पर मांगे 10 हजार रुपये
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिले में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अब ठगों ने रतलाम के प्रशासनिक अधिकारियों को बेखौफ निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रतलाम जिले के जावरा ब्लॉक के एसडीएम त्रिलोचन गौड़ के पास हाल ही में एक ऐसा कॉल आया, जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति ने सरसी गांव की युवती की मौत का झूठा हवाला देकर 10 हजार रुपये की मदद मांगी। जब एसडीएम को संदेह हुआ तो उन्होंने तहसीलदार संदीप इवने को मामले की जांच सौंप दी। तहसीलदार की तहकीकात से यह उजागर हुआ कि यह पूरा मामला एक साइबर फ्रॉड था।
बिलासपुर से सायबर ठगों ने करीब पंद्रह दिन पहले रतलाम जिले के जावरा एडीएम गौड़ को एक कॉल आया, जिसमें कहा गया कि सरसी गांव की युवती पूजा साहू की जगन्नाथपुरी यात्रा के दौरान बिलासपुर में मृत्यु हो गई है। कॉल करने वाले ने दावा किया कि पीएम (पोस्टमार्टम) के बाद शव को गांव तक पहुंचाने के लिए आइस बॉक्स की व्यवस्था करनी है, जिसके लिए पैसों की जरूरत है। जब मामला जावरा तहसील के सरसी गांव से जुड़ा बताया गया। एसडीएम गौड़ ने सायबर ठग के मोबाइल फोन पर बात की तो सामने वाले ने फिर वही कहानी दोहराई और 10 हजार रुपये की मदद मांगी। प्रशासनिक मदद के बजाय सीधे पैसे की मांग ने एसडीएम को शक में डाल दिया। उन्होंने तहसीलदार संदीप इवने को मामले की जांच के निर्देश दिए।
गांव में नहीं मिली कोई पूजा साहू नाम कि युवती
तहसीलदार इवने ने सबसे पहले पुलिस चौकी और पटवारी से संपर्क किया और गांव सरसी में इस नाम की युवती के बारे में जानकारी जुटाई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि गांव में पूजा साहू नाम की कोई भी लड़की नहीं रहती और न ही हाल ही में कोई यात्रा पर गया है। जब कॉलर से दोबारा संपर्क कर यह बात बताई गई तो उसने कहा कि वे पहले सरसी में रहते थे, अब रतलाम के वार्ड नंबर 3 में रहते हैं। मगर रतलाम जिला मुख्यालय पर भी पड़ताल के दौरान सायबर ठग की जानकारी गलत निकली। इससे पूरा मामला एक सोची-समझी ठगी की योजना साबित हुआ। इस मामले में रतलाम सायबर सेल की ओर से एसपी अमित कुमार जिलेवासियों से अपील कि इस तरह के साइबर फ्रॉड लगातार सामने आ रहे हैं। उन्होंने आमजन से अपील की कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति की बातों में न आएं, बिना पुष्टि के कोई ऑनलाइन पेमेंट न करें और न ही व्यक्तिगत जानकारी साझा करें।


