सैलाना, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam) जिले के सैलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (health center) में प्रसव के दौरान एक बार फिर डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। प्रसव के बाद अधिक रक्तस्राव होने से एक महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि समय पर इलाज न मिलने और रेफर प्रक्रिया में देरी के कारण महिला की जान चली गई। इसके पूर्व भी सैलाना में डॉक्टरों की लापरवाही से एक प्रसूता ने ठेलागाड़ी पर बच्चे को जन्म दिया था, जिसके बाद रतलाम (Ratlam) जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने के साथ मध्य प्रदेश स्तर पर सरकारी सिस्टम को लेकर काफी किरकिरी हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार भीलो की खेड़ी निवासी समरथ खराड़ी की पत्नी कमला खराड़ी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सैलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (health center) 2 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे लेकर पहुंचे थे। यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने दोपहर 1. 30 बजे महिला का प्रसव कराया, जिसके बाद उन्होंने बताया कि बच्चे की हालत गंभीर है और सांस नहीं चल रही है। इसी आधार पर महिला और नवजात को रतलाम (Ratlam) मेडिकल कॉलेज दोपहर करीब 2. 30 बजे रेफर कर दिया।
रतलाम पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताई सच्चाई
परिजनों के अनुसार रतलाम (Ratlam) मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर वहां के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा तो स्वस्थ है, लेकिन मां की हालत बहुत गंभीर है क्योंकि उसका अत्यधिक रक्त बह चुका था। महिला के शरीर में खून की मात्रा बेहद कम हो गई थी और लगातार रक्तस्राव जारी था। डॉक्टरों ने बताया कि सैलाना में प्रसव के बाद खून रोकने के लिए कंडोम लगाकर उपचार करने की कोशिश की गई थी, जिसे रतलाम (Ratlam) में निकालना पड़ा।
प्रसूता की मौत के बाद भड़के परिजन
रक्तस्राव नहीं रुकने के कारण 2 नवंबर 2025 की शाम करीब 6. 30 बजे महिला की मौत हो गई, जबकि नवजात को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। गुस्साए परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (health center) में तैनात डॉक्टर और नर्सों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाते हुए ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) को ज्ञापन सौंपा। परिजनों ने ज्ञापन में बताया कि अस्पताल में प्रसव के दौरान उनसे 710 रुपये लिए गए और करीब 50 मिनट की देरी के बाद रतलाम (Ratlam) रेफर किया गया। परिजनों ने कहा कि अगर समय पर सही उपचार दिया जाता, तो महिला की जान बच सकती थी। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशुराम निनामा, राहुल पारगी, गोपाल डामर, पवन खराड़ी, रितिक डामर सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने दोषी डॉक्टर और नर्सों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
8 माह पूर्व भी सैलाना स्वास्थ्य केंद्र कर चुका शर्मसार
रतलाम जिले के सैलाना में 23 मार्च 2025 को भी मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया था। सैलाना के कालिका माता रोड निवासी कृष्णा पिता देवीलाल ग्वाला ठेलागाड़ी में चने सिंगदाने बेचने का काम करता है। उसने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (health center) के कर्मियों की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी नीतू के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई थी। 23 मार्च 2025 की सुबह 9 बजे वह सैलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (health center) में डिलीवरी के लिए पत्नी नीतू को लेकर गया था। जहां पर मौजूद नर्स चेतना चारेल ने गर्भवती पत्नी को देखकर कहा कि अभी बच्चा होने में दो-तीन दिन की देरी है। इसलिए वह उसे वापस घर ले जाए। इस पर वह नीतू को घर ले कर आ गया। लेकिन 23 मार्च 2025 की रात एक बजे उनकी पत्नी को फिर प्रसव पीड़ा हुई तो कृष्णा पत्नी नीतू को अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां ड्यूटी नर्स गायत्री पाटीदार ने चेकअप कर 15 घंटे का समय बताकर उसे भर्ती नहीं किया। नर्स के कहने पर वह पत्नी को लेकर घर आ गया। कृष्णा ग्वाला ने बताया कि लगभग एक घंटे बाद ही फिर उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो वह ठेलागाड़ी से उसे अस्पताल ले जा रहा था, तभी रास्ते में ही डिलीवरी हो गई और बच्चे की मौत हो गई। कृष्णा ने मामले में तत्कालीन एसडीएम मनीष जैन को शिकायत कर बच्चे की मौत का जिम्मेदार सैलाना अस्पताल (health center) प्रशासन को ठहराया था।


