रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग स्थित रतलाम स्टेशन प्रमुख जंक्शन है। यहां अफसरों की अनदेखी व अवैध खानपान बिक्री ने रेल मंत्रालय के स्वास्थ्य व गुणवत्ता के मानकों को तार तार कर दिया है। यहां से ट्रेनों में सवार रोज हजारों यात्रियों को धड़ल्ले से नकली सामग्री ऊंचे दामो पर बेची जा रही है। आरपीएफ की निगरानी में ट्रेनों में अवैध वेंडर हर वो वस्तु बेच रहे जो रेलवे से पूरी तरह प्रतिबंधित है। वही रेल अधिकारियों के सामने नकली छाछ, दही, लस्सी सहित नास्ते में अनाधिकृत सामग्री बेचकर यात्रियों को खुलेआम लुटा जाने लगा है। हालांकि शुक्रवार शाम को यात्रियों की आपत्ति पर आरपीएफ की टीम ने नकली छाछ बेचने वालो से पूछताछ शुरू की।
मालूम हो कि रेल यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण व उचित खानपान सामग्री उपलब्ध कराने पश्चिम रेलवे व रेल मंत्रालय द्वारा कठोर नियम व शर्तो निर्धारित की है। साथ ही टेंडर प्रकिया में भी कड़ी दस्तावेजी प्रकिया है।
परमिशन लेकर अवैध काम
रेलवे ने आय के लिहाज से रतलाम स्टेशन पर स्टॉल संचालकों को ट्रेन ठहरने पर चुनिंदा वेंडरों को सामग्री बेचने की अनुमति दी है। इसी छूट की आड़ में अवैध विक्रय शुरू कर दिया गया। ट्रेंडर में सांची ब्रांड की मंजूरी के बावजूद पंजाबी लस्सी, लूज पैकिंग में दही, छाछ, लस्सी यात्रियों को ब्रांड वस्तु जे समान मूल्य में बेची जा रही। वही चाय, बर्गर, खुली सेव सहित कई सामग्री जो रेलवे केटरिंग सूची में है ही नहीं, उनका भी बेखोफ विक्रय चल रहा है।
मास्क की अनदेखी
कोरोना बे बचाव के लिए प्रशासन द्वारा अभी मास्क की अनिवार्यता के नियम कढ़ाई से पालन के निर्देश है। रेलवे स्टेशन की स्टॉलों पर बगैर मास्क या अधूरा मास्क पहनकर यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्लेटफॉर्म नंबर 4 व 5 पर ट्रेन ठहरने पर ये नजारे आम तौर पर देखे जा सकते है।
रेलवे ने नियमों के मुताबिक खानपान विक्रय के हर स्टॉलों पर निर्देश है। अवहेलना पर कार्रवाई की जाती है।
खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी रेल मंडल रतलाम