– गैंग के जाल में फंसे आधा दर्जन से अधिक बेरोजगारों की शिकायत पुलिस के पास लंबित
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मास्टर माइंड विक्रम बाथव का पुलिस रिमांड खत्म हो गया है। आरोपी बाथव के फोन-पे की हिस्ट्री निकाली, जिसमें पुलिस को दो नियुक्ति-पत्र भी मिले है। मास्टर माइंड बाथव के फोन पे की 200 पेज की हिस्ट्री निकाली गई। इसमें 15 लाख रुपए का ही हिसाब मिला है। खास बात ये है कि विक्रम से जिन दो नाम के फर्जी नियुक्ति-पत्र जब्त हुए हैं, बहीं नाम फोन पे हिस्ट्री में भी मिले हैं। इन्होंने विक्रम को फोन पे से भुगतान किया है। इन दोनों की तलाश की जा रही है। इनसे पूछताछ की जाएगी ताकि फर्जी नियुक्ति-पत्र से की जाने वाली और ठगी के बारे में पता चल सके। जेल भेजे गए आरोपी विक्रम चाथव के खिलाफ मंदसौर कोतवाली में भी इसी तरह का केस दर्ज है। वहां की पुलिस जल्द ही इसे प्रोडक्शन वारंट पर ले जाएगी और पूछताछ करेगी।

बॉस्केटबॉल कोच की आड़ में रेलवे में नौकरी दिलाने का धोखाधड़ी का रैकेट चलाने वाले विक्रम बाथव निवासी वरदान नगर के दो साथियों को पुलिस ने अक्टूबर- 2024 में पकड़ा था। 2 अक्टूबर – 2024 को डॉट की पुलिया के यहां होटल सागर केस्त से प्रकाश (30) पिता जातसाद लोधी निवासी खेरो (पन्ना) व विमलेंद्र (36) पिता सूर्यकांत मिश्रा निवासी शहडोल को गिरफ्तार किया था। लैपटॉप व पेन ड्राइव के साथ 18 फर्जी नियुक्ति-पत्र मिले थे। इन्होंने बताया था कि इस पूरे धोखाधड़ी का मास्टर माइंड विक्रम है। इन्होंने ये भी बताया था कि हमने दो युवकों को डीआरएम कार्यालय परिसर में बुलाकर नियुक्ति-पत्र दिए थे। उनसे 8-8 लाख रुपए की बात हुई थी और उन्होंने 20-20 हजार रुपए दिए थे। इनके पास गैंगमैन, खलासी से लेकर टिकट निरीक्षक तक के फर्जी नियुक्ति-पत्र मिले थे।
भोपाल में भी मास्टर माइंड हो चुका गिरफ्तार
स्टेशन रोड पुलिस के अनुसार मास्टर माइंड विक्रम को 19 दिसंबर-2024 को गिरफ्तार किया था। तीन दिन के रिमांड के बाद जेल भेज दिया है। इसके खिलाफ मंदसौर कोतवाली में भी रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उगाई करने का केस दर्ज है। उस समय इसके दो साथी पकड़ाए थे। मंदसौर पुलिस इसे अब प्रोडक्शन वारंट पर ले जाएगी। फर्जी नियुक्ति-पत्र देकर ठगी करने के मामले में एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) भोपाल ने भी इसे 2020 में गिरफ्तार किया था। ये आरोपी नौकरी दिलाने के नाम पर 2 से 5 लाख रुपए लेकर ठगी कर रहे थे।
जब्त नियुक्ति पत्र को रेलवे ने बताया फर्जी
पुलिस के अनुसार मास्टर माइंड विक्रम के दो साथियों से पूर्व में जो 18 नियुक्ति-पत्र जब्त किए थे, उनकी सत्यता के लिए रेलवे को भेजा गया था। रेलवे ने पुलिस को बताया कि ये नियुक्ति-पत्र पूरी तरह फर्जी हैं। इनका हमारे विभाग और दफ्तर से कोई लेना-देना नहीं है। इनके पास से जो लैपटॉप और पेन ड्राइव जब्त हुई थी, उसमें एक ऐसा सॉफ्टवेयर लोड है, इसमें फर्जी नियुक्ति-पत्र तैयार किए हैं। इसमें बस एडिट के ऑप्शन पर जाकर नाम, पता और पद का नाम बदलना पड़ता है। इसके बाद प्रिंट देने पर रंगीन नियुक्ति-पत्र निकल आता है।
गैंग के चंगुल में फंस चुका निजी स्कूल संचालक
रेलवे में नौकरी दिलाने झांसे में रतलाम का एक निजी स्कूल संचालक भी गैंग के झांसे में फंसकर 18 लाख रुपए गंवा चुका है। एक निजी स्कूल स्कूल संचालक ने भी स्टेशन रोड थाने में मौखिक शिकायत की थी। इसमें उसने बताया था कि आरोपियों ने मेरी बहन को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 18 लाख रुपए लिए थे। पुलिस ने जब उससे शिकायत करने के लिए कहा तो वह डर गया और उसने शिकायत नहीं की।