रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित ढोढर-कलालिया फंटा के बीच स्थित बॉयो डीजल ऑइल डिपो में आग लगने से झुलसे 3 कर्मचारियों में 2 को इंदौर रैफर किया। एक कर्मचारी की हालत में सुधार बताया जा रहा है। घटना के बाद झुलसे कर्मचारियों को ग्रामीण और परिजन जावरा अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां से बीती रात 11 बजे गंभीर झुलसे 2 कर्मचारियों को जिला अस्पताल रैफर किया। शुक्रवार को नाराज परिजन झुलसे कर्मचारियों की तबीयत में सुधार नहीं होता देख बेहतर उपचार के लिए एम्बुलेंस से इंदौर लेकर रवाना हुए। परिजनों में डिपो के चेयरमैन रतन जांगिड के असंवेदनशील रवैये के प्रति नाराजी भी देखने को मिली।
बता दें कि गुरुवार शाम करीब 4.30 बजे ढोढर-कलालिया फंटा के बीच स्थित बॉयो डीजल डिपो के ऑइल टैंक में कर्मचारी काम कर रहे थे। घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक समीप में सुरक्षा बगैर वैल्डिंग का भी काम चल रहा था। अचानक वैल्डिंग की चिंगारी से टैंक ने आग पकड़ ली। इससे मोहन पिता गोपी (45) निवासी ढोढर, संजय पिता राधेश्याम (25) निवासी सरसौदा एवं विजय पाल (40) निवासी रिछाचांदा झुलस गए। बताया जा रहा है कि बॉयो डीजल डिपो में अचानक तेजी से फैली आग को काबू पाने के लिए फायर सेफ्टी को लेकर किसी प्रकार का बंदोबस्त नहीं था। नतीजतन ग्रामीणों ने तत्काल डायल-100 को खबर की। इसके बाद मौके पर जावरा से फायर ब्रिगेड पहुंची।
घटना के करीब डेढ़ घंटे तक झुलसे कर्मचारी और वहां पहुंचे उनके परिजन डिपो चेयरमैन रतन जांगिड़ का इंतजार करते रहे, उन पर आरोप है कि उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। शाम करीब 6 बजे झुलसे कर्मचारियों को परिजन जावरा सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। प्रारंभिक उपचार के बाद कर्मचारी मोहन और संजय को जिला अस्पताल रैफर किया। यहां से परिजन दोनों गंभीर घायलों को शुक्रवार सुबह इंदौर लेकर रवाना हुए। पूरे मामले में बॉयोडीजल ऑइल डिपो चेयरमैन रतन जांगिड़ उक्त घटना से बचते रहे। वन्देमातरम् न्यूज ने घटना को लेकर संपर्क किया तो पहले मोबाइल रिसीव नहीं किया इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया।