रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
नवरात्रि की शुरूआत 15 अक्टूबर से होगी। गरबा रास को लेकर शहर में अनेक जगह तैयारियां शुरू हो गई है। शहर के प्रमुख आस्था के स्थल मां कालिका माता मंदिर पर श्री कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट द्वारा नवरात्रि महोत्सव धूमधाम व पारंपरिक तरीके से मनाया जाएगा। मंदिर पर नवरात्रि की घटस्थापना 15 अक्टूबर की सुबह 4.30 बजे होगी। नवरात्रि के प्रतिदिन अल सुबह व रात में गरबा रास का आयोजन किया जाएगा। नवरात्रि के प्रतिदिन विभिन्न आयोजन होंगे।

ट्रस्ट अध्यक्ष राजाराम मोतियानी, उपाध्यक्ष मोहनलाल भट्ट, प्रवक्ता राकेश पोरवाल ने बताया कि कालिका माता मंदिर में 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक प्रतिदिन सुबह 4 बजे से 6 बजे तक व शाम 7 बजे से रात्रि 11 बजे तक गरबा रास होगा। शाम 7.30 बजे से मां अन्नपूर्णा का भोजन प्रसाद जरूरतमंदों को वितरीत किया जाएगा। मां कालिका माता का दरबार प्रतिदिन सुबह 4 बजे से रात्रि 12 बजे तक दर्शनों के लिए खुला रहेगा। माता जी की आरती प्रतिदिन सुबह 6 बजे व रात 9 बजे होगी। लगभग 30 हजार वर्ग फीट के पूरे गरबा पांडाल व मंदिर परिसर को सीसीटीवी कैमेरे की निगाह में सुरक्षित किया है। 22 अक्टूबर सुबह 9 बजे अष्टमी का हवन होगा।
मंदिर परिसर में होने वाली गतिविधियों के लिए विभिन्न समितियां गठित की गई है जिसमें मंदिर समिति व्यवस्था हरीश कुमार बिंदल, बृजेश सक्सेना, पंडित हेमंत पुजारी, भोजन व्यवस्था राजाराम मोतियानी व सभी कार्यकर्ता, रामायण मूल पाठ प्रभारी राजेंद्र शर्मा, गरबा समिति पूरणमल अग्रवाल, प्रेमलता कसेरा, वीणा गोयल, पुष्पा व्यास, माया बक्शी, इंदिराबैन पांचाल रहेगी। ट्रस्ट संरक्षक देव प्रकाश शर्मा, संजय व्यास, परामर्शदाता दीपक पुरोहित, अध्यक्ष राजाराम मोतियानी, उपाध्यक्ष मोहनलाल भट्ट, सचिव हरीश कुमार बिंदल, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण कसेरा, संगठन सचिव पूरणमल अग्रवाल, सदस्य बाबू सिंह देवड़ा, राधावल्लभ पुरोहित, राजेंद्र शर्मा ने शहर की धर्मप्रेमी जनता से मातारानी के दर्शन कर सभी आयोजनों में भाग लेने का आग्रह किया है।
200 वर्ष पूर्व हुई स्थापना
ट्रस्ट पदाधिकारियों के अनुसार प्राचीन मां कालिका माता मंदिर की स्थापना तत्कालीन महाराजा ने लगभग 200 वर्ष पूर्व की थी। मां कालिका मंदिर में कालिका माता, चामुंडा माता, अन्नपूर्णा माता के साथ-साथ शिव जलाधारी भगवान गणपति के साथ स्थापित है। कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट की स्थापना सन 1948 में की गई थी तथा इसके पहले अध्यक्ष नेहरूमल अवतानी थे। वर्ष 1980 में मंडल का रजिस्ट्रेशन करवाया गया।