– डीआईजी, कलेक्टर और एसपी के आतिथ्य में कार्यक्रम आयोजित
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम शहर का दीनदयाल नगर थाना जिले का पहला अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) सर्टिफाइड थाना बन चुका है। संभवत नए कानून लागू होने के बाद यह मध्य प्रदेश व देश का पहला थाना है जो कि आईएसओ सर्टिफाइड चुना गया है। शनिवार को थाना परिसर में आयोजित कार्यक्रम में डीआईजी मनोजसिंह, कलेक्टर राजेश बाथम एवं एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने थाने के पूर्व प्रभारी सुरेश गडरिया व वर्तमान प्रभारी रविंद्र दंडोतिया को आईएसओ सर्टिफिकेट सौंपा।
कार्यक्रम में अतिथि डीआईजी सिंह ने कहा कि थाने पर आने वाले की कार्रवाई त्वरित की जाए। जहां आवश्यकता पड़े उसी समय पब्लिक को बुलाए। स्मार्ट पुलिसिंग की जरुरत है। हमें अपने आपको भी आईएसओ के स्टेंडर्ड से साबित करना होगा। हमें अपनी विवेचना को छोटा करना है। इसके पूर्व कार्यक्रम में फीता काट कर अधिकारियों ने थाना परिसर का निरीक्षण किया। बता दें कि पिछले छह माह की कोशिश और फरियादी को संतुष्ट करने के साथ ही पुरानी पेंडेंसी को निपटाने के प्रयासों के चलते यह सर्टिफिकेट मिला है। कार्यक्रम में कलेक्टर बाथम ने कहा कि हम लोक सेवक है। हमारा दायित्व है कि जो हमारे यहां आते है उन्हें बेहतर तरीके से समस्या का निदान कर सके। एसपी लोढ़ा ने कहा कि पुलिस सर्विस प्रोवाइडर है। हम गर्वमेंट की तरफ से लोगों को सर्विसेस देते है। हमारी सर्विसेस वह होती है जब आदमी सबसे दुखी सिचवेशन में आता है तो हम उसकी समस्या सुने। हमारी सर्विसेस अच्छी होगी तो गर्वमेंट का फेस पब्लिक के बीच जाएगा। छ: माह की मेहनत के बाद थाना आईएसओ सर्टिफिकेट के लिए चुना गया है। हम कोशिश करेंगे कि 2 माह में जिले के सभी थाने आईएसओ सर्टिफाइड हो। कार्यक्रम को एएसपी राकेश खाखा ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम में आईएसओ सर्टिफिकेट को लेकर मेहनत करने वाले थाने के सभी पुलिसकर्मियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान सीएसपी अभिनव वारंगे, इंदौर के आईएसओ कंसलटेंट जितेंद्र खंडेलवाल सहित जिले के सभी डीएसपी, थाना प्रभारी व पुलिसकर्मी मौजूद थे।
इन मानकों पर खरा उतरा थाना
थाने का रिकॉर्ड व्यवस्थित रखना। चालान की डायरियां समय पर कोर्ट में प्रस्तुत करना। स्थायी और गिरफ्तारी वारंट की समय पर तामिली करना। जब्ती माल व्यवस्थित कर समय पर निराकरण करना। शिकायतकर्ता की शिकायतों का समय पर निराकरण आदि मानको पर खरा उतरने के साथ पुलिस की फरियादी के प्रति व्यवहार कुशलता। इसके बाद यह सर्टिफिकेट मिला है।