रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
आत्मनिर्भर भारत का संकल्प देखने आना है तो रतलाम आकर देख लो, यहां पर मेहनत करके हाथों से सेंव बनाने वालों ने रतलाम का नाम नमकीन से देश ही नही विदेश में भी रोशन किया है। रतलाम के सोने की बात करें तो हाथों से निर्मित आभूषण विश्वविख्यात है। यही रतलाम की पहचान है। रतलामवासी आत्मनिर्भर हैं, रतलाम किसी शहर का मोहताज नहीं बल्कि दूसरे नगर और महानगर रतलाम पर आश्रित हैं।
उक्त विचार पंडित प्रदीप मिश्रा ने हरथली फंटा (कनेरी रोड) पर चल रही वैशाखी शिवमहापुराण के चतुर्थ दिवस मंगलवार को व्यासपीठ से कही। कथा का शुभारंभ आयोजक परिवार के कल्याणी रविंद्र पाटीदार ने व्यासपीठ की पूजन-अर्चन के साथ किया। कथा में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी आशीर्वाद लेने पहुंचे। विजयवर्गीय ने पंडित मिश्रा को चांदी का नारियल और शॉल ओढ़ाकर आशीर्वाद लिया। विजयवर्गीय ने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि पंडित श्री मिश्रा का जन्म मध्यप्रदेश में हुआ है और आप दुनिया में शिवमहापुराण के माध्यम से परिवार, समाज, देश एवं संस्कृति के परिचायक बनकर लोगों में एक अलख जगा रहे हैं। व्यासपीठ से पंडित श्री मिश्रा छोटी-छोटी बातों से समाज को संस्कारित करने में जुटे हैं। इसके पश्चात श्री विजयवर्गीय ने श्रद्धालुओं सहित व्यासपीठ से पंडित मिश्रा की मांग पर छोटी-छोटी गय्या… छोटे-छोटे ग्वाल…, सुमधुर भजन गाकर पूरे पांडाल को झूमने के लिए उत्साहित कर दिया। पंडित मिश्रा ने कथा के दौरान कहा कि खरगौन, देपालपुर, रायसेन, रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुई कथा का रिकॉर्ड रतलामवासियों ने तोड़ दिया है। कथा के दौरान पंडित श्री मिश्रा ने वैशाख माह की महाशिवरात्रि पर शिवालयों पर एक लौटा जल और एक बिल्बपत्र चढ़ाने का आह्वान किया। कथा के अंत में रतलाम-झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर, नागदा विधायक दिलीप गुर्जर भी पंडित मिश्रा का आशीर्वाद लेने पहुंचे। इस दौरान ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, कन्हैयालाल मौर्य, अनिल झालानी, प्रदीप उपाध्याय, अशोक पोरवाल, मुन्नालाल शर्मा, निमीष व्यास, प्रकाश कुमावत, सुभाष कुमावत, सतीश राठौर, राजकुमार धभाई, शांतिलाल गोयल, नारायण पाटीदार, जगदीश पहलवान, शिवनारायण पाटीदार, सुरेश पुरोहित, दिनेश राठौड़, आशा दुबे, मंगला देवड़ा, मोनिका शर्मा, कांता राठौड़ सहित मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात सहित अन्य स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने आए।
अमृतसागर तालाब पर जताई चिंता
व्यासपीठ से कथावाचक पंडित मिश्रा ने शिवालयों के निकट जलाशयों की महत्ता पर प्रकाश डालने के दौरान शहर के अतिप्राचीन श्री गढ़कैलाश मंदिर के सामने स्थित अमृतसागर तालाब की बदहाली को लेकर चिंता जताने के साथ शासन, प्रशासन के अलावा नागरिकों की जागरूकता पर सवाल किए। नालों के पानी से दूषित तालाब के इतिहास पर पंडित मिश्रा ने प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पुराने समय राजस्थान के जोधपुर के राजा रतलाम आए थे और अतिप्राचीन अमृतसागर तालाब से पानी भरकर ले गए थे। इससे राजस्थान में फैली बीमारी को रोकने में फायदा मिला था और सभी रोगमुक्त हो गए थे। जिसके बारे में किताबों में लिखा हुआ है। आज इस तालाब की हालत यह है कि गटर, नालों का पानी इसमें समाया जा रहा है। सभी काम शासन, प्रशासन के ऊपर न छोडकर यह हम सब की जिम्मेदारी है कि इसे गंदा न करें और इसके संवारकर इस तरह सहेजे कि अगली बार मैं रतलाम आऊ तो इसका पानी पीऊंगा। बस इसे संवारने का काम आज से नहीं अभी से शुरू कर दें।
सेेवा के लिए जुट रहे शहरवासी
श्रद्धालुजन को रात्रि में भोजन की व्यवस्था हो या वाहन पार्किंग से कथा पांडाल तक बुजुर्गों को लाने-ले जाने की व्यवस्था हो, इसके लिए अब शहरवासी आगे आने लगे हैं। व्यासपीठ से पंडित श्री मिश्रा ने रात्रि भोजन व्यवस्था के लिए श्री कालिका माता सेवा ट्रस्ट, प्रेमलता संजय दवे परिवार सहित अनेक संगठनों को साधुवाद देते हुए धन्यवाद दिया। बुजुर्गों को कथा स्थल पर लाने और छोड़ने के लिए 40 दोपहिया वाहन सेवा में जुटे हैं।इस व्यवस्था में जुटे सभी दोपहिया वाहनों के नंबर की सूची यातायात विभाग को सौंपी गई है। वहीं पांडाल में श्री सरदार पटेल रोवर ग्रुप द्वारा शिवपुराण कथा में सेवा कार्य किया जा रहा है। रोवर लीडर रमाकांत तिवारी की ओर से कार्यकर्ता सेवा में जुटे हैं।