
– 2 करोड़ की सार्वजनिक संपत्ति मात्र 12 हजार में ठेके पर, जनता से डेढ़ गुना वसूली, रसीद तक नहीं
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम नगर निगम आमजन के बजाए ठेकेदारों पर मेहरबान बनी हुई है। फुटकर विक्रेताओं से अभ्रदता कर राशि वसूलने वाली निगम के जिम्मेदारों का हाल ही में आंबेडक़र ग्राउंड मेले में राजस्थान मेगा ट्रेड फेयर संचालक से सांठगांठ सुर्खियां बंटोर चुका है। वंदेमातरम् न्यूज की पड़ताल में हम बात कर रहे हैं 2 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित राजीव गांधी सिविक सेंटर स्थित कुशाबाऊ ठाकरे स्वीमिंग पूल की। निगम के जिम्मेदारों ने सांठगांठ कर करोड़ों की लागत का स्वीमिंग पूल ठेकेदार को महज 12 हजार 666 रुपए प्रतिमाह में ठेके पर सौंप चुका है। जिम्मेदारों की सांठगांठ कुछ ऐसी है कि दो माह से ठेके पर संचालित हो रहे राजीव गांधी सिविक सेंटर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल में आमजन से खुली लूट का खेल जारी है। ठेकेदार के कर्मचारी आमजन से मनमाने रुपये वसूलने के साथ मांगे जाने पर रसीद तक नहीं दे रहे हैं। खास बात यह है कि नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियों के बावजूद जिम्मेदारों ने अनुबंध के विपरित संचालित हो रहे स्वीमिंग पूल ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर मौके पर अब तक निरीक्षण करना भी मुनासिब नहीं समझा।

नगर निगम संचालन के नाम पर आमजन पर टैक्स (कर) में वृद्धि करने वाले जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारियो की करतूत कुछ ऐसी है कि वह सिर्फ अपने स्वार्थ को साधने के साथ शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अरसे से बंद राजीव गांधी सिविक सेंटर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल को फरवरी -2025 में ठेके पर सौंपने के लिए कवायद शुरू हुई थी। मार्च-2025 में तकनीकी दांव-पेंच और सांठगांठ का ऐसा खेल खेला कि निविदा में दो टेंडर में एक को कानूनी प्रकरण का हवाला देकर बाहर कर दिया और दूसरी एजेंसी रामकृष्ण इंटरप्राइजेस नार्थ वेस्ट दिल्ली को महज 1 लाख 52 हजार वार्षिक (प्रतिमाह 12 हजार 666 रुपये) में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आमजन के लिए शुभारंभ किए गए तरणताल को व्यवसायिक प्लेटफॉर्म बना दिया। वंदेमातरम् न्यूज ने मामले की पड़ताल के दौरान पाया कि पिछले दो माह से रामकृष्ण इंटरप्राइजेस नार्थ वेस्ट दिल्ली द्वारा मनमाने तरीके से तरणताल का संचालन कर आमजन से निर्धारित दर से डेढ़ गुना से अधिक राशि वसूली जा रही है।
काउंटर पर नहीं रेट लिस्ट और रसीद
जिम्मेदारों की आर्थिक सांठगांठ का नतीजा है कि 2 करोड़ की मूल्यवान निगम की संपत्ति को औने-पौने दाम पर ठेकेदार को संचालन के लिए सौंपने के साथ नियमों के पालन से भी आंखें मूंदे बैठे हुए हैं। रतलाम के तैराकों की मानें तो उनसे 45 मिनट की स्वीमिंग के लिए 90 रुपए वसूले जा रहे हैं और उन्हें रसीद तक नहीं दी जाती है। जबकी व्यस्क के लिए 45 मिनट तैराकी के लिए 60 रुपए और अव्यस्क (12 वर्ष से कम) के लिए 30 रुपए का मापदंड नियमों में निर्धारित है। ठेकेदार और नगर निगम के बीच हुए अनुबंध को जांचा जाए तो उसमें स्पष्ट उल्लेख्य है कि अधिक राशि वसूली जाने और नियमों के पालन नहीं करने पर ठेका निरस्त किया जाएगा। नियमों को दस्तावेजों पर सजाने के बाद जिम्मेदारों ने पिछले दो माह में मौके पर जाकर यह पूछना भी मुनासिब नहीं समझा कि आखिर ठेकेदार ने अब तक तरणताल पर आमजन के लिए रेट लिस्ट के अलावा नियमावली क्यों नहीं चस्पा की ? मुद्दे पर निगम के जलप्रदाय विभाग के प्रभारी कार्यपालन अधिकारी राहुल जाखड़ से सवाल किए तो उन्होंने बताया कि उसके लिए मैं अधिकृत नहीं हूं।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता प्रमुख कारण
रतलाम निगम में अधिकारियों की मनमानी जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का प्रमुख कारण है। भाजपा शासित प्रदेश में आमजन की सुरक्षा और सुविधाओं को महत्व देना सर्वोपरी माना गया है। इसके बावजूद रतलाम निगम के जिम्मेदार अफसरों की मनमानी का नमूना है कि यहां पर नियम विपरित कार्य करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई के बजाए संरक्षण दिया जाता है। पूर्व में कालिका माता के नवरात्रि मेला, त्रिवेणी मेला, कुएं-बावड़ी सफाई सहित अन्य तमाम ऐसे ठेके पर सौंपे कार्यों में अनियमित्ताएं हैं जिनके कारण आमजन को काफी परेशानी झेलना पड़ी है। नवरात्रि मेले में साइकिल स्टैंड पर मारपीट और अवैध वसूली का आमजन शिकार तक हो चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का मूकदर्शक बना रहा अब आमजनता में कई अहम सवाल खड़े करता है।