रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम पुलिस ने नकली नोटों का जाल फैलाने वाली एक गैंग का पर्दाफाश किया है। इस मामले में दो भाइयों को गिरफ्तार किया गया है, जो बाजार में नकली नोट चलाने की कोशिश कर रहे थे। दोनों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे इंदौर से ये नोट लाए थे। पुलिस ने इंदौर से गैंग के सरगना को भी पकड़ लिया है, जिसने आगे बताया कि वह ये नकली नोट गुजरात के कच्छ जिले के भुज से लाया था।
रतलाम के दीनदयाल नगर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि वन विभाग कार्यालय के पास दो युवक नकली नोट चला रहे हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अंकित (40) और उसके छोटे भाई वासुदेव (35), निवासी तक्षशिला परिसर ( मुखर्जी नगर – रतलाम) के रूप में हुई। तलाशी के दौरान अंकित की जेब से 100-100 रुपए के 11 नकली नोट और वासुदेव की जेब से 9 नकली नोट बरामद हुए। कुल 20 नोट जब्त किए गए, जिन पर OUK सीरीज के क्रमशः 031344, 031345, 031346 और 031347 नंबर पाए गए। जांच में स्पष्ट हुआ कि नोट असली नहीं हैं। इनका कागज और छपाई दोनों ही मानकों से अलग हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे ये नोट इंदौर निवासी गगन (40) पिता विनोद नागदे, निवासी साहिल एवेन्यू, बंगाली चौराहा, खजराना से लाए थे।
सरगना मूल रूप से रतलाम का था निवासी
गगन मूल रूप से रतलाम के रिद्धि-सिद्धि कॉलोनी का निवासी है, जो छह महीने पहले इंदौर शिफ्ट हुआ था। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल वह रिमांड पर है। पहले तो उसने खुद नकली नोट छापने की बात कही, लेकिन सख्ती से पूछे जाने पर उसने बताया कि वह ये नोट गुजरात के भुज से खरीदकर लाता था। अब पुलिस गुजरात से जुड़े नेटवर्क की भी जांच कर रही है।
पहले भी चला चुके हैं नकली ढाई हजार रुपए
अंकित और वासुदेव ने कबूल किया कि वे पहले भी बाजार में नकली ढाई हजार रुपए के नोट चला चुके हैं, जो उन्होंने गगन से ही खरीदे थे। इस बार उन्होंने 800 रुपए में 1000 रुपए के नकली नोट लिए थे और सब्जी विक्रेताओं को देने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस अब गगन के जरिए गुजरात में मौजूद नकली नोट गिरोह की तलाश में जुटी है। इस नेटवर्क के तार कहां-कहां तक फैले हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। वहीं गिरफ्तार किए गए दोनों भाइयों को जेल भेज दिया गया है और गगन को रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है।