असीम राज पाण्डेय, रतलाम। जिला मुख्यालय स्थित प्रसिद्ध जुए अड्डे की दबिश में सरदार अब तक फरार है। नवागत कप्तान को खुश करने के लिए खाकी ने किराये के मकान में संचालित हिस्ट्रीशीटर के अड्डे पर भले ही दबिश मार 17 जुआरियों दबोच वाहवाही लूटी हो, लेकिन पूर्व की तरह इस कार्रवाई ने खाकी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मौके से पत्ते फेंटने वाले 17 जुआरियों को दबोचने वाली पुलिस की आंखों में सरदार ने आखिर कैसे धूल झौंकी? यह सवाल चौराहों पर चर्चा का विषय है। अड्डे पर दबिश की कई मर्तबा हो चुकी कार्रवाई में दिलचस्प पहलू यह है कि सरदार टीम की आंखों में हमेशा धूल झौंककर फरार हो जाता है। इन घटनाओं का बकायदा कानूनी कार्रवाई में खाकी कहानी भी लिखती है। पिछले महीने अड्डे से सरदार का फरार होना और 17 जुआरियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर वाहवाही लूटने वाली खाकी के हाथ अब तक खाली रहना सवालों को जन्म दे चुकी है। ये अंदर की बात है…कि जुए अड्डे का सरदार अपने पुराने पैंतरे को आजमाकर एक बार फिर से नीचले स्तर पर सांठगांठ कर वरिष्ठ अधिकारियों की निगाहों से बचने की पूरी फिराक में है। देखना अब यह है कि कप्तान फरार सरदार की गिरफ्तारी के लिए कौन सा दांव खेलते हैं।
दिल के अरमा आंसुओं में बह गए
जिला अस्पताल की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र इन दिनों डॉक्टरों की आपसी लड़ाई का अखाड़ा बन चुका है। हाल ही में जिला अस्पताल के मुखिया पर हमले के बाद दो सरकारी डॉक्टर गंभीर आरोपों से घिर चुके हैं। कानूनी दांवपेंच में तस्कर को कोर्ट से राहत दिलाने के खेल में शामिल एक डॉक्टर की नजरें जिले के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पर टिकी थी। यह वहीं डॉक्टर हैं जो हाल के प्रकरण से पूर्व अपने पुत्र को डॉक्टर बनाने का सपना पूरा करने के खेल में भी उलझ चुके हैं। जिले के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पाने के लिए राजधानी में बैठे मंत्रीजी से लेकर विभाग प्रमुख की फिल्डिंग भरने के चर्चे महकमें में जोर पकड़े हुए हैं। जिले के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी की दौड़ में शामिल निलंबित डॉक्टर रेस से बाहर चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ जिला अस्पताल के मुखिया पर भी महिला द्वारा आंखों के ऑपरेशन के नाम पर राशि ऐंठने के गंभीर आरोप के बाद वह भी रेस से बाहर हैं। ये अंदर की बात है…कि अब जिले के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पर कोई नया चेहरा ही काबिज होगा, क्योंकि दोनों प्रतिद्वंदियों के दिल में समाए अरमा आंसुओं में बह चुके हैं। ऐसे में कुर्सी पाने के लिए अब कुछ नए खिलाड़ी रेस में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
खुजली बंद नहीं हुई तो बना दिया आरोपी
रतलाम की पुलिसिंग का एक किस्सा इन दिनों चौराहों पर चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल वाक्या कुछ ऐसा है कि पिछले दिनों शहर के दिलबहार चौराहे पर वाहन चैकिंग का अभियान जारी था। इस दौरान जावरा निवासी युवक की बाइक पर अंकित नंबरों पर शंका होने पर पुलिस ने आरटीओ साइड्स से जानकारी निकाली। जानकारी मिलने पर पुलिस ने ओरिजनल वाहन मालिक को थाने पर तलब किया। थाने पर जब ओरिजनल वाहन मालिक पहुंचा तो उसने सामने वाले बाइक पर अपनी बाइक के नंबर देख चौंक गया। पुलिस ने एक नंबर की दो बाइक का मामला सामने आने के बाद नंबर चुराने वाले के साथ ओरिजनल वाहन मालिक को भी आरोपी बनाकर जेल पहुंचा दिया। चर्चा है कि कहीं आपके वाहन का नंबर कोई अपने वाहन पर लिख ले तो अब आपको इसकी निगरानी करना है। ये अंदर की बात है… कि एक नंबर की दो बाइक के मामले में संबंधित थाने के दो तारों के साहब ने काफी हाथ-पैर मारे थे, लेकिन दो तारों के साहब के हथेली की खुजली बंद नहीं होने से उन्होंने नंबर चुराने वाले के अलावा ओरिजनल वाहन मालिक को भी आरोपी बनाया।