
असीम राज पांडेय, रतलाम। जिले की सुरक्षा के साथ सूचना का काम खाकी के जिम्मे है। देखने में आ रहा है कि जिले के थानों में सूचना के लिए नियुक्त सादी वर्दी में तैनात जवान (सूचना संकलनकर्ता) अपने मूल कार्य से भटक चुके हैं। जिले में पिछले कुछ महिनों से चल रहे घटनाक्रम और अशांति के पीछे थानों में बैठे संकलनकर्ताओं की नाकामी भी प्रमुख है। दरअसल थानों में पदस्थ सूचना संकलनकर्ताओं को रिपोर्ट कप्तान को करना होती है, लेकिन वह थाने के मुखिया की हाजरी भरने के अलावा तोड़-पट्टों में उलझे रहते हैं। नतीजतन मूल कार्य नहीं करने से समय-समय पर आक्रोश कुछ ऐसा पनपता है कि जिले की खाकी को आए दिन एकजुट होकर मोर्चा संभालना पड़ता है। पुख्ता सूचना नहीं होने से हाल ही में आदिवासी अंचल की घटना में एक दर्जन खाकी घायल हुए। ये अंदर की बात है… कि जिले के थानों में जितने भी सूचना संकलनकर्ता है वह सिर्फ सादी वर्दी पहनकर फिल्मी स्टाइल में वायरलैस लटकाकर वाहनों में इधर से उधर फिरते रहते हैं। संबंधित थाना क्षेत्र के बदमाश और जिलाबदर की जानकारी तो दूर उन्हें यह भी पता नहीं रहता कि कहां पर क्या घटना हुई है। मुखबिर तंत्र भी कुछ ऐसा ही कि रात की पार्टी में व्यवहार बनता है और सुबह तक सिर्फ सेटिंग का काम याद रहता है।
खाकी के साहब बार-बार तोड़ रहे नियम
चौराहों से लेकर फोरलेन पर पुलिस यातायात के नियमों का डंडा चलाकर रसीदें फाड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ नियमों का पालन कराने वाले ही इसे तोड़ने में जुटे हुए हैं। वाक्या कुछ इस प्रकार है कि बीती रात के अलावा पिछले दिनों बाजना बस स्टैंड क्षेत्र से कुख्यात सटोरिये को तीन तारों के साहब ने पकड़ा। साहब ने जोश-जोश में सटोरिये को पकड़ मीडिया को मोबाइल लगाए। साहब की कार्रवाई को कैमरे में कैद करने के लिए खबरनबीस भी माणकचौक थाना पहुंचे। यहां पर साहब मोटरसाइकिल पर पीछे लटककर सटोरिये को बीच में दबोचकर थाने पहुंचे। पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशलमीडिया पर भी आया। इसके बाद शहरवासियों को चर्चा का मुद्दा हाथ लग गया। चौराहे-चौराहे चर्चा है कि तीन तारों के साहब ने भले ही कार्रवाई सही कि हो लेकिन उन्होंने मोटरव्हीकल एक्ट का नियम तोड़ा। थाने के पुलिसकर्मी ने मोटरसाइकिल चलाई और बीच में सटोरिया और पीछे साहब बैठे थे। मोटरसाइकिल पर ट्रिपल सवारी के वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा है कि नियमों को दरकिनार किया। इसके अलावा मोटरसाइकल चलाने वाले जवान ने हेलमेट नहीं पहना। जबकि वर्तमान में शहर की सीमा पर धड़ल्ले से लोगों के चालान काटे जा रहे है। ये अंदर की बात है… कि जब साहब और विभाग के कर्मचारी ही नियमों का पालन नहीं कर रहे तो आमजन की रसीदें क्यों फाड़ी जा रही।
सीएम साहब आप हर माह पधारों रतलाम
शहर की बदहाल सड़के और सफाई व्यवस्था पिछले दिनों पटरी पार क्षेत्र में सुधरी-सुधरी नजर आई। दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि प्रदेश के मुखिया पिछले दिनों रतलाम दौरे पर पहुंचे। प्रदेश मुखिया के दौरे से पहले प्रशासन के साथ साफ-सफाई की जिम्मेदारी निभाने वाला विभाग अलर्ट हो गया था। सड़कों के गड्ढे भरे तो दूसरी तरफ डिवाइडर पर रंगरोगन के अलावा पौधों को पानी से सिंच उन्हें हरा-भरा करने की कोशिश की। इतना ही नहीं अलकापुरी चौराहे स्थित उदासीन भारत माता बगीचे में लगी प्रतिमा और पत्थरों की धुलाई कर सबकुछ बेहतर दिखाने की कोशिश अंतिम समय तक चलती रही। प्रदेश के मुखिया का जिस-जिस रास्ते से गुजरने का रूट था उन सब जगहों पर बेहतर दिखाने के प्रयास हुए। शहर की जनता में चर्चा है कि सीएम साहब आप हर माह रतलाम पधारों। कारण यह है कि वह जब-जब रतलाम आएंगे, उसके पहले जिम्मेदार काम में जुट जाएंगे। क्योंकि आमजन की शिकायतें स्वास्थ्य विभाग अधिकारी सुनते नहीं और वरिष्ठ जिम्मेदारों को कुछ नजर आता नहीं। ये अंदर की बात है… कि सीएम साहब के दौरे पर जिस तरह से सड़कों की चकाचक सफाई और कचरा मुक्त कार्रवाई हुई है, अगर ऐसी पूरे शहर में हो तो स्वच्छता सर्वेक्षण में रतलाम फिसड्डी नहीं हो सकता है।