रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
रतलाम के शास्त्री नगर स्थित कुशाभाउ ठाकरे तरणताल में 9 वर्षीय बालक की डूबकर मौत के मामले में सोमवार को लापरवाही बरतने वाले नगर निगम के 6 कर्मचारियों को कार्य से पृथक करने के आदेश जारी हुए। कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी के निर्देश पर निगमायुक्त सोमनाथ झारिया ने उक्त कार्रवाई की। मृतक बालक के परिजन को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी स्वीकृत की गई।
बता दें कि घटना शनिवार शाम 5 बजे की है। काटजू नगर निवासी बालक मयंक बैरागी उम्र 9 वर्ष अपने पिता सुनीलदास बैरागी के साथ तरणताल तैराकी के लिए गया था। इस दौरान वह डूब गया, जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया था। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया शव का पीएम कराया था। मृतक बालक मयंक चौथी कक्षा का छात्र था तथा पिता सुनील काटजू नगर शिव मंदिर में पुजारी है। उक्त प्रकरण में उत्तरदायी कर्मचारी वीरेंद्र सिंह डोडिया,अंकित पुरोहित, मनोज झंझोट, राकेश लालावत, प्रमोद चुटकुले एवं योगेंद्र अधिकारी (इंचार्ज)
को प्रकरण की वस्तु स्थिति एंव कर्मचारियों के उत्तरदायित्व की जांच के लिए कार्य से बंद करने के आदेश जारी हुए हैं, उक्त सभी कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी हैं।
घटना के समय कर्मचारी इयरफोन लगाकर सुन रहे थे गाने
मृतक बालक के पिता सुनील व परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया था कि वह काउंटर से टिकट ले रहे थे उस दौरान मयंक अंदर चला गया। मौजूद लाइफ गार्ड से जब मयंक को ढूंढने को कहा तो उसने नजरअंदाज कर दिया था। इसी दौरान एक बच्चा ओर वहां डूब रहा था जिसे उसने बचाया। तरणताल के कर्मचारी कान में इयरफोन लगा कर गाने सुन रहे थे।
पूर्व में हो चुकी घटना, तरणताल में सीसीटीवी तक नहीं
तरणताल में 2014 में भी एक बालक की मौत डूबने से हो चुकी है। जिसके बाद तरणताल काफी विवादों में रहा था। इसके बाद यह दूसरी घटना है। हैरत की बात तो यह है की करोड़ो की लागत वाले तरणताल में सीसीटीवी तक लगाना जिम्मेदारों ने जरूरी नहीं समझा। जिससे इस प्रकार की अप्रिय घटना की स्थिति स्पष्ट की जा सके।