– रतलाम सहित प्रदेश में 3600 शराब दुकानें जियो टैगिंग, गूगल मैप पर मिलेगी लोकेशन
ग्वालियर, वंदेमातरम् न्यूज। राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश की 3 हजार 600 लायसेंसी शराब दुकानों ( MP Liquor Shops ) को जियो टैगिंग का निर्णय लेकर प्रदेश की जनता को एक बड़ी राहत देने जा रही है। अभी जिला आबकारी विभाग और लायसेंसी ठेकेदार की आपसी सांठगांठ के चलते खामियाजा धार्मिक स्थलों पर आने वाले धर्मावलंबियों और स्कूली छात्रों को भुगतना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। जियो टैगिंग से संदिग्ध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा।
आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित हो रहीं 3600 शराब दुकानों ( MP Liquor Shops ) की जियो टैगिंग कराई जा रही है। इससे इन सभी दुकानों की लोकेशन गूगल पर आसानी से मिल सकेगी। इसके लिए संभागीय स्तर पर आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर शराब दुकानों की जियो टैगिंग कर रहे हैं। इससे आबकारी विभाग और लाइसेंसी ठेकेदारों को भी फायदा होगा।
रतलाम जिले में 99 दुकानों की टैगिंग
इस प्रक्रिया की शुरुआत आबकारी अमले द्वारा रतलाम जिले की सभी 99 शराब दुकानों पर की जाएगी । इस कार्य के लिए जिला सहायक आबकारी अधिकारी और अन्य अमले को जियो टैगिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश की 3 हजार 600 दुकानों ( MP Liquor Shops ) की जियो टैगिंग किए जाने से इनके आवंटन में किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा। दरअसल, अब तक शराब दुकान आवंटन के बाद लोकेशन को लेकर बड़ा खेल चलता आ रहा था। शराब दुकानदार, आबकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ कर लोकेशन की रिपोर्ट गलत दे देते थे।
नियमों का नहीं हो रहा पालन
इससे मंदिरों और स्कूलों से शराब की दुकानों को दूर रखने के नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। इसका खामियाजा धार्मिक स्थलों पर आने वाले धर्मावलंबियों और स्कूली छात्रों को भुगतना पड़ता था।
संदिग्ध गतिविधियों पर लगेगा अंकुश
आबकारी विभाग के ग्वालियर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो जियो टैगिंग से दो दुकानों के बीच की दूरी सहजता से पता चल जाएगी। परमिट के दौरान शराब की आवाजाही भी विभागीय अधिकारी आसानी से देख सकेंगे। अभी इतनी सख्ती के बावजूद कई लाइसेंसी ठेकेदार ( MP Liquor Shops ) इसमें गड़बड़ी करने का प्रयास करते हैं, इससे उनकी संदिग्ध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा। इसके अलावा आबकारी अफसरों पर यह आरोप भी लगते रहे हैं कि शराब दुकानें धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थाओं के पास खोल दी गई है। उनका कहना है कि जियो टैगिंग के माध्यम से आसपास की लोकेशन को देखा जाएगा।
जियो टैगिंग का काम कर दिया शुरू
मध्य प्रदेश की सभी शराब दुकानों की जियो टैगिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इससे यह पता चल जाएगा की शराब दुकान के पास कोई धार्मिक या शैक्षणिक संस्थान तो नहीं है। इसके अलावा मैदानी अमले पर भी नजर रखी जा सकेगी कि वह दुकान पर निरीक्षण करने पहुंचा है या नहीं। – अभिजीत अग्रवाल, आबकारी आयुक्त – ग्वालियर मुख्यालय (मध्य प्रदेश)