– बच्ची की मौत के बाद नींद से जागे जिम्मेदार और मौके पर पहुंच निभाई औपचारिकता
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। जिले की लचर और नकारा स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर कटघरे में है। रावटी क्षेत्र में वर्षों से बिना अनुमति और डिग्री के संचालित हो रहे अवैध क्लीनिकों की अनदेखी ने एक मासूम बच्ची की जान ले ली। 7 वर्षीय अरुणा की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की बेरुखी, लापरवाही और मिलीभगत का नतीजा है।
अरुणा को बुखार होने पर उसके पिता मंगलवार सुबह रावटी के पंचायत चौराहे स्थित एक निजी क्लीनिक पर ले गए। वहां अजय चौहान नामक व्यक्ति, जो स्वयं को डॉक्टर बताता था। उसने उसे इंजेक्शन लगाया। महज दो घंटे के भीतर अरुणा की मौत हो गई। दुखद यह कि इलाज के नाम पर मासूम की जान लेने वाला तथाकथित डॉक्टर मौके से फरार हो गया। प्रशासन की टीम जब मौके पर पहुंची तो न क्लीनिक के पास संचालन की अनुमति थी, न ही डॉक्टर के पास वैध एलोपैथिक डिग्री। जब्ती में मिली दवाइयां और खाली इंजेक्शन इस बात का सुबूत हैं कि वर्षों से यह क्लीनिक खुलेआम गैरकानूनी इलाज कर रहा था।
10 साल से चल रहा था ‘मौत का क्लीनिक’
जानकारी के अनुसार, अजय चौहान नाम का यह व्यक्ति 10 से 12 वर्षों से क्लीनिक चला रहा था, वह रतलाम के किसी होम्योपैथिक कॉलेज में शिक्षक भी है। बावजूद इसके वह एलोपैथिक इलाज कर रहा था, जो न केवल गैरकानूनी है, बल्कि खतरनाक भी। सवाल यह उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग की नजर इतने वर्षों तक इस क्लीनिक पर नहीं पड़ी? या फिर जानबूझकर आंखें मूंद ली गईं? स्वास्थ्य विभाग ने महज औपचारिकता निभाने के लिए मार्च में क्लीनिक को एक पत्र जारी किया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की। क्या यही है जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली? अगर समय रहते कार्रवाई होती तो शायद आज अरुणा ज़िंदा होती।
रावटी में 50 से ज्यादा अवैध क्लीनिक
यह कोई इकलौता मामला नहीं है। रावटी क्षेत्र में 50 से अधिक अवैध क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या इन क्लीनिकों के पीछे किसी तरह की सांठगांठ है?अरुणा की मौत की जिम्मेदारी सिर्फ उस झोलाछाप डॉक्टर की नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की है। मेडिकल ऑफिसर से लेकर तहसीलदार तक मौके पर पहुंचकर जांच की खानापूर्ति तो कर ली गई, लेकिन क्या इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी?