– फर्जीवाड़ा कर कोर्ट को किया था गुमराह, महिलाओं को फंसाकर विलासिता में डूबा आरोपी
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। फर्जी दस्तावेजों और षड्यंत्रकारी के जरिए बैंकों से दूसरों के नाम लोन निकालने वाला शातिर निलंबित पटवारी हेमन्त बागड़ी पर अब एक और नया मामला दर्ज हो गया है। यह कार्रवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर की गई, जिसमें बागड़ी द्वारा अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में फर्जी शिकायतकर्ता, शपथ पत्र और वकालतनामा पेश किए जाने की बात सामने आई।
निलंबित पटवारी हेमन्त बागड़ी जो कभी एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी में चैनल मैनेजर रह चुका है, ने अपने शातिराना हरकत से आम लोगों के दस्तावेज पर लोन लेकर ठगा था। कभी कोचिंग सेंटर संचालक तो कभी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का मीडिया प्रभारी रह चुका निलंबित पटवारी की थोड़े समय पूर्व अनुकंपा में नौकरी लगी थी। वह निजी बैंक कर्मचारी के रूप में भी काम कर चुका था। उसने लोगों के दस्तावेज हासिल किए और उनके नाम पर फर्जी लोन प्राप्त किया था।
फर्जी अग्रिम जमानत के लिए भी रचा षड्यंत्र
फर्जी लोन के मामले में पुलिस शिकंजा कसने लगी तो निलंबित पटवारी बागड़ी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई। इसके लिए उसने दो फर्जी शिकायतकर्ताओं को कोर्ट में पेश किया, जिन्होंने झूठे बयान दिए कि वे बागड़ी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करना चाहते। इसके आधार पर कोर्ट ने पहले उसे अंतरिम राहत दी, लेकिन जब असली शिकायतकर्ता ने सच्चाई उजागर की तो कोर्ट ने 14 अक्टूबर 2024 को अग्रिम जमानत रद्द कर दी और पुलिस को निर्देशित किया कि बागड़ी के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत नया मामला दर्ज करें।
कोर्ट में पेश वकीलों और नोटरी को मिली राहत
शातिर बागड़ी की अग्रिम जमानत याचिका में सहयोग देने वाले वकील मुदित माहेश्वरी, कनिष्क गुप्ता, श्रेयांश जैन और नोटरी सुनीता छाजेड़ को भी कोर्ट ने नोटिस भेजा था। हालांकि, कोर्ट में पेश स्पष्टीकरण और हलफनामे के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि इन कानूनी प्रतिनिधियों को भी बागड़ी ने धोखे में रखा था। कोर्ट ने इन्हें क्लीन चिट देते हुए किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से मुक्त कर दिया।
निजी जीवन में भी छल की कहानी
शातिर निलंबित पटवारी बागड़ी की धोखाधड़ी केवल आर्थिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि उसके निजी जीवन में भी छल और फरेब की कहानी कहती है। आलोट में पटवारी की नौकरी के दौरान एक मामले में निलंबित होने के बाद वह उज्जैन में छिपा हुआ था। वहां उसने एक विवाहित महिला से संबंध बनाए, उसे उसके पति और तीन साल के बच्चे से अलग कर अपने साथ रख लिया। महिला को महंगे उपहार और नकदी का लालच देकर वह उसे अपने प्रभाव में रखे हुए था। पुलिस ने इसी महिला से जुड़े सुरागों के आधार पर शातिर बागड़ी को उज्जैन जिले के भेरूगढ़ से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।