रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम में सोमवार को जयस ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी का विरोध करते हुए कोर्ट चौराहा पर पूतला फूंका। दरअसल जयस कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के उस बयान से नाराज है जिसमें उन्होंने कहा था कि जयस के अंदर कांग्रेस का ही डीएनए है।
जयस के जिलाध्यक्ष राहुल डामर ने बताया कि जयस के अंदर उसके आदिवासी पुरखों का डीएनए है, जो समाज के लिए काम करता है, राजनीति के लिए नहीं। जयस सामाजिक संगठन है, जिन्हें चुनाव लड़ना है वे पहले संगठन से बाहर जाए और फिर वे किसी भी राजनैतिक गतिविधि के लिए स्वतंत्र हैं। जयस के बड़े नेता जो कमलनाथ के इस बयान का खुलकर विरोध नहीं कर रहे है। वे अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने में लगे है। आपको बता दे की कमलनाथ के विरोध में पुतला दहन करने के विषय में जयस के बड़े नेताओं में असंतोष देखा गया। इस दौरान प्रदेश संरक्षक डॉ. अभय ओहरी मौके पर तो मौजूद थे मगर वे दूर से ही अपनी उपस्थिति लगाते नजर आए। उनका कहना था की विरोध का निर्णय सर्वानुमति से नहीं लिया गया। इस दौरान मौके पर जिला प्रभारी कालू बारोड़, मीडिया प्रभारी भरत डोडियार, जिला पंचायत सदस्य शरद डोडियार, राजेन्द्र मईड़ा, जुलवानिया सरपंच छोटू भाभर, जामथुन सरपंच कचरू डाबी आदि मौजूद रहे।
सूत्रों की माने तो प्रदेश के कई जिलों में जयस के जिला स्तरीय पदाधिकारियों ने ही विरोध किया जबकि प्रदेश स्तर के बड़े जयस नेता इस विरोध से कन्नी काटे हुए है। पूरे मामला आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने व बिगाड़ने का लग रहा है। जयस की अपनी अंदरूनी खींचतान अब सामने आने लगी है।
वहीं जयस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल कटारा ने झाबुआ में बयान दिया कि कमलनाथ गलतफहमी में हैं, वे इस गलतफहमी से बाहर निकल जाए। उनके साथ में जो जयस संगठन जुड़ा हुआ है वो उनका ही बना हुआ है, जिससे कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा जुड़े हैं। मूल जयस का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।