रतलाम/नागदा, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश शासन में भाजपा (BJP) के पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी के भतीजे और रतलाम (Ratlam) जिले में जावरा (jaora) मूल निवासी कॉलोनाइजर (colonizer) प्रकाशचंद्र पिता पारसमल कोठारी (बजाज खाना) को नागदा (Nagda) में वारको सिटी कॉलोनी निर्माण में फिर डायवर्शन के मामले में बड़ा झटका लगा है। उज्जैन (ujjain) अपर कलेक्टर शाश्वत शर्मा ने तत्कालीन एसडीएम व वर्तमान में आगर-मालवा (Agar-malwa) अपर कलेक्टर आरपी वर्मा के डायवर्शन शुल्क निर्धारण के संशोधित आदेश को निरस्त कर दिया है। अब डायवर्शन शुल्क का निर्धारण पुनः होगा। इसके लिए बकायदा एसडीएम द्वारा वारको सिटी (Varco City) को सुनवाई के लिए मौका दिया जाएगा और उसके बाद डायवर्शन शुल्क का पुर्ननिर्धारण किया जाएगा।

शिकायतकर्ता गौतम जैन ने बताया कि वारको सिटी (varco city) से डायवर्शन शुल्क के रूप में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2011 से 21 लाख 45 हजार 181 रुपए वसूले जा रहे थे। यह वसूली 2013-14 तक निरंतर जारी रही, लेकिन उसके बाद 17 मार्च 2020 को तत्कालीन एसडीएम वर्मा ने कोरोना काल के दौरान वारको सिटी (Varco City) को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राहत देते हुए डायवर्शन शुल्क के आदेश में संशोधन कर दिया था। जिससे प्रतिवर्ष होने वाली यह वसूली 93 हजार 540 रुपए हो गई थी। यानि 2019-20 तक राशि की वसूली 1 करोड़ 73 लाख 74 हजार होना थी। लेकिन राजस्व विभाग को मात्र 69 लाख 96 हजार 783 रुपए ही मिले। सीधे रूप से मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। पूरे मामले में शिकायकर्ता गौतम जैन ने उज्जैन (ujjain)जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर टैक्स चोरी का मामला उजागर किया। जिसके बाद मामला हाईकोर्ट (High Court) की दहलीज तक गया और दोबारा अपर कलेक्टर के पास पहुंचा। जहां सुनवाई के बाद तत्कालीन एसडीएम वर्मा के आदेश को निरस्त करते हुए पुनः डायवर्शन शुल्क का निर्धारण करने का आदेश वर्तमान एसडीएम को दिया है। जिसमें वारको सिटी (Varco City) का पक्ष और दस्तावेज पेश करने का समय देकर सुनवाई के बाद डायवर्शन शुल्क का पुर्ननिर्धारण करने को कहा गया है।
तत्कालीन एसडीएम वर्मा का जावरा से पुराना नाता
उज्जैन (ujjain) जिले के नागदा (Nagda) में तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान में आगर-मालवा (Agar-Malwa) अपर कलेक्टर आरपी वर्मा के डायवर्शन शुल्क निर्धारण के संशोधित आदेश को निरस्त करने के बाद काफी सुर्खियों में है। शासन को पहुंचाई आर्थिक हानि के इस मामले में लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भी अंतिम दौर की जांच में जुटी है। बताया जाता है कि उज्जैन (Ujjain) जिले के नागदा (Nagda) में तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान में आगर-मालवा अपर कलेक्टर आरपी वर्मा पूर्व में रतलाम (Ratlam) जिले के जावरा में तहसीलदार के पद पर कार्य कर चुके थे। इसी कारण से उनका जावरा के कॉलोनाइजर (colonizer) प्रकाशचंद्र पिता पारसमल कोठारी से पुराने संबन्ध थे।
कॉलोनी पर रेरा ने किया था 2 लाख रुपए का जुर्माना
बता दें कि 2024 में वारको सिटी पर रेरा ने भी 2 लाख रुपए का जुर्माना किया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया था कि वारको सिटी द्वारा रेरा में कॉलोनी का पंजीयन कराए बिना ही प्लाट का क्रय-विक्रय कर दिया था। जिस पर रेरा ने अपनी सुनवाई के बाद कॉलोनी पर 2 लाख रुपए का जुर्माना सहित शिकायतकर्ता को हर्जाना देने के आदेश दिए थे।
नागदा के दो आरआई ने अलग-अलग दी थी रिपोर्ट
शिकायतकर्ता ने बताया कि कॉलोनी के डायवर्शन शुल्क को लेकर तत्कालीन एसडीएम ने आरआई से रिपोर्ट मांगी थी। दो आरआई ने अलग-अलग रिपोर्ट दी थी। गंभीर आरोप है कि भिन्न रिपोर्ट आने के बाद भी तत्कालीन एसडीएम वर्मा ने आदेश देकर शासन को राजस्व का नुकसान किया था। तत्कालीन एसडीएम संतोष टैगोर के 1 जुलाई 2011 के आदेश में प्रतिवर्ष टैक्स 21 लाख 45 हजार 181 रुपए था। जिसे संशोधित कर महज 93 हजार 540 रुपए किया गया था।
11 प्रतिशत की दर से चुकाना होगा ब्याज
शिकायतकर्ता के मुताबिक 2019 के प्रावधान के मुताबिक टैक्स चोरी के मामले में मूल राशि के साथ 11 प्रतिशत ब्याज भी चुकाना होगा। ऐसे में यह राशि लगभग डेढ़ करोड़ के आसपास होगी। बता दें कि कॉलोनी संबंधित अन्य मामले में भी चल रहे हैं, जिसमें लोकायुक्त, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, कॉलोनी सेल उज्जैन (Ujjain) और उच्च न्यायालय इंदौर (High court indour) में मामले विचाराधीन है, जिसमें भी जल्द सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।


