रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज़।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने रतलाम जिले के नामली में शुक्रवार दोपहर 6 करोड़ 17 लाख 82 हजार रुपए की लागत से बनने वाले शासकीय महाविद्यालय भवन निर्माण का भूमिपूजन किया। प्रदेश भर में नवीन शिक्षा नीति के तहत महाविद्यालयों में सभी प्रकार के पाठ्यक्रमों को शामिल किया जा रहा है। इसी क्रम में आगामी सत्र से रतलाम जिले में कृषि व उद्यानिकी में स्नातक अर्थात बैचलर डिग्री की सुविधा मिलने जा रही है। अब तक कृषि की पढ़ाई केवल कृषि विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में ही होती रही है। अब विक्रम विश्वविद्यालय भी कृषि सहित अन्य कोर्स के पाठ्यक्रमों में डिग्री व डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रहा है। इससे प्रदेश व सम्भाग के कई विद्यार्थियों को लाभ होगा।
रतलाम के समीप नामली में शासकीय महाविद्यालय भवन के भूमिपूजन के पश्चात प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव नामली महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर विधायक रतलाम शहर चैतन्य काश्यप, ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना भी उपस्थित थे।
मंत्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश में अधिकाधिक रूप से महाविद्यालय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी वृहद रूप से महाविद्यालयीन उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कार्य किया जा रहा है। साथ ही शिक्षित बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने स्वरोजगार की दिशा देने के लिए महत्वाकांक्षी प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. यादव ने घोषणा करते हुए कहा की आगामी सत्र से नामली महाविद्यालय में कृषि स्नातक पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया जाएगा।
शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किया जा रहा है, उसी अनुरूप नामली क्षेत्र में महाविद्यालय का निर्माण होना गौरव की बात है। रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने कहा कि नामली क्षेत्र में चहुमुखी विकास किया जा रहा है। इस क्षेत्र की जरूरत पर उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा नामली पहुंचकर महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण का भूमिपूजन किया गया है। कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि बाबूलाल कर्णधार, अग्रणी कॉलेज प्राचार्य संजय वाते, मदनलाल परमार, रमेशचंद्र भुजरिया, राधेश्याम तलोदिया, विवेकानंद चौधरी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का आभार महाविद्यालय प्राचार्य सुरेशचंद्र शर्मा ने माना।