रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
आधुनिकता के दौर में पुराने रीति रिवाज संस्कार धीरे-धीरे धूमिल होते जा रहे हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी धर्म के प्रति वहीं श्रद्धा अथवा समर्पण देखने में आता है जो पुराने समय में देखने में आता था।
ऐसा ही कुछ मामला रतलाम जिले के रावटी में देखने में आया है जहां पर एक गौ माता का निधन के पश्चात ग्रामीणों द्वारा बैंड बाजे के साथ पूरे गांव में बड़े धूमधाम से अंतिमयात्रा निकाली गई। अंतिमयात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन के साथ किन्नर भी शामिल हुए। किन्नरों ने नृत्य करते हुए गौमाता को श्रद्धांजलि दी। अंतिमयात्रा के बाद गौमाता को समाधि दी गई l इसके पश्चात एक शोक सभा और बैठक रखी गई जिसमें निर्णय लिया गया कि समाधि स्थल पर गौ माता का मंदिर ग्रामीण लोगों के सहयोग से बनाया जाएगा।
बता दे कि रावटी निवासी श्रेणिक कुमार चत्तर जिनको ग्रामवासी चक्का सेठ के नाम से जानते हैं काफी धार्मिक प्रवृत्ति के माने जाते हैं। उन्होंने गौ सेवा में अपना जीवन समर्पित कर रखा है। इनके पास एक गाय थी जिसे उन्होंने बहुत ही लगाव से पाला था। ट्रैक्टर ट्राली में गाय का शव रख कर पूरी तरह से सजाया गया। संपूर्ण विधि विधान और धूमधाम से अंतिम यात्रा निकाली गई। गौमाता की इस अनोखी अंतिम शव यात्रा ग्रामीण अंचल क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस अंतिमयात्रा में सैकड़ों गौभक्त शामिल हुए।
फोटो – दीपक राठौड़ रावटी