पीए के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर अधिकारियों व कर्मचारियों में बढ़ रहा आक्रोश, अध्यक्षा सत्ता पक्ष की होने से कार्रवाई ठंडे बस्ते में

रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम जिला पंचायत अध्यक्षा लाला बाई के पति शंभुलाल सूर्यवंशी की कार्यालयीन कामों में दखलअंदाजी एवं पीए महेश पोरवाल की कार्यशैली से जिला पंचायत के अधिकारी व कर्मचारी नाराज है। पीए पोरवाल द्वारा हर माह 20-20 लीटर डीजल एवं 15 से 20 हजार रुपए की अवैध मांग करने पर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को 8 जून को की शिकायत के बाद अब तक कार्रवाई नहीं होना बड़ा सवाल खड़ा करती है। पीए के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर जिपं के अधिकारियों व कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं करने से नाराज अधिकारियों ने पीए के खिलाफ मनरेगा आयुक्त भोपाल को शिकायत की है। बकायदा यह शिकायत भोपाल जाकर की गई है।
बता दें कि जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ निर्देशक शर्मा ने जिपं अध्यक्ष के पीए महेश पोरवाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर को शिकायत की थी। जिसमें पोरवाल द्वारा उनसे प्रत्येक जनपद सीईओ, जिला स्तर के प्रत्येक अधिकारी, जिला पंचायत कार्यालय के प्रत्येक शाखा के परियोजना अधिकारी से 20-20 लीटर डीजल, 15 से 20 हजार रुपए हर माह व्यवस्था करने के लिए फोन पर कहा गया। अतिरिक्त सीईओ ने इस काम को लेकर असमर्थता जताई तो उनका ट्रांसफर के प्रस्ताव तक बनाने की बात कही। लगातार तीन माह से इन सब कामों को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। पीए पोरवाल से हुई बातचीत की ऑडियों रिकॉर्डिंग के साथ कलेक्टर को 8 जून को शिकायत की गई। इसके बाद पीए पोरवाल को नोटिस जारी हुआ। बताया जाता है कि नोटिस के जवाब में पीए द्वारा माफी मांगी गई। शिकायत किए हुए 25 दिन से अधिक होने को आ गए है लेकिन जिला पंचायत की अध्यक्षा सत्ता पक्ष की होने से कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। इस पूरे मामले में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी चुप्पी साथ रखी है।
अध्यक्षा बुलाती और पति करते बात
जिपं के अधिकारी व कर्मचारी अध्यक्ष पति की हर काम में दखलअंदाजी, बिना वजह अधिकारियों को उनके केबिन में बुलाने व पीए पोरवाल की कार्यशैली से काफी आक्रोश पनप रहा है। कर्मचारियों की मानें तो अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिपं अध्यक्षा बुलाती है लेकिन इनके पति बात करते हैं। अध्यक्षा के पति की लगातार बढ़ती दखलअंदाजी एवं पीए पोरवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर जिपं के सभी शाखाओं के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कलेक्टर सूर्यवंशी को एक ज्ञापन सौंपने की तैयारी की थी। लेकिन जिपं सीईओ जमुना भिड़े द्वारा कार्रवाई होने की प्रक्रिया का हवाला देते हुए कलेक्टर से मिलने जाने से रोक दिया। सभी ने दो दिन तक इंतजार किया। स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं होते देख विभागीय अधिकारियों ने पीए के मूल विभाग मनरेगा आयुक्त भोपाल को शिकायत कर दी। पीए को पुन: अपने मूल स्थान पर भेजने की मांग की है।
ऑपरेटर की मूल पोस्टिंग
पीए पोरवाल की मूल पदस्थापना सैलाना जनपद कार्यालय में मनरेगा ऑपरेटर की है। लेकिन राजनीतिक सांठगांठ के चलते पूर्व में सैलाना की विधायक रही संगीता चारेल के पीए के बाद वह रतलाम जिला पंचायत में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ किए गए थे। जिला पंचायत चुनाव के बाद राजनीतिक सांठगांठ के चलते वह जिला पंचायत अध्यक्षा के पीए नियम विरुद्ध बनकर बैठ गए है। विभागीय अधिकारियों की माने तो नियमों के अनुसार सहायक वर्ग 2 एवं 3 के ही कर्मचारी को विधायक या जिपं अध्यक्ष का पीए बनाया जा सकता है। इसके लिए भी भोपाल स्तर से पहले अनुमति लेना पड़ती है। लेकिन रतलाम जिला पंचायत अध्यक्ष के पीए को लेकर ऐसा कोई आदेश शासन स्तर से भी नहीं जारी हुआ है।