रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
कॉलोनी एक्ट तोड़ने पर रचना हाउसिंग कॉलोनी के बंधक प्लॉट राजसात के अलावा प्रशासन ने उच्च न्यायालय (इंदौर) में कैविएट दायर कर दी। कॉलोनाइजर अनिल झालानी द्वारा बंधक भूखंड राजसात आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया है। 5 अप्रैल को उक्त आवेदन पर विचार से पूर्व न्यायालय के समक्ष प्रशासन प्रमुखता से तर्क प्रस्तुत करेगा।
बता दें कि कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया ने 28 मार्च- 2022 को रचना हाउसिंग कॉलोनी के बंधक भूखण्ड राजसात का आदेश जारी किया था। उक्त आदेश कॉलोनाइजर अनिल पिता कृष्णकुमार झालानी, भागीदार प्रवीण पिता मोहनलाल सेलवड़िया सहित भूमि स्वामी भागीदार अभय पिता राजमल कोठारी एवं रमेशचंद्र जैन के नाम से जारी हुआ। उक्त आदेश के खिलाफ कॉलोनीनाइजर झालानी सहित अन्य ने न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार कैविएट प्रस्तुत करने से उच्च न्यायालय अब एकपक्षीय आवेदन स्वीकार नहीं करते हुए प्रशासन का मजबूत पक्ष पहले सुनेगा। कॉलोनी एक्ट के विपरीत अब तक की गई कार्रवाई सहित सभी बिंदुओं पर विचार के उपरांत ही आगामी कार्रवाई होगी। कैविएट दायर होने से कॉलोनाइजर को जल्द राहत मिलती नजर नहीं आ रही।
विकास कार्य के 5 वर्ष अतिरिक्त बीते और पूर्णता प्रमाण-पत्र बगैर बेच दिए भूखंड
बंधक भूखण्ड राजसात के आदेश में लिखा है कि रचना हाउसिंग कॉलोनी को दिसंबर-2013 में कॉलोनी को विकास कार्य की अनुमति दी थी। 3 वर्ष का समय दिया गया था। 8 वर्ष का समय बीतने के बाद भी विकास कार्य पूर्ण नहीं हुए। विकास कार्य और पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना कॉलोनीनाइजर अनिल झालानी सहित उसके पार्टनरों ने आवासीय भूखंडों का विक्रय कर कॉलोनी एक्ट का उल्लंघन किया। इन्हीं कारणों पर प्राप्त शिकायत पर जांच उपरांत कॉलोनी के आंतरिक विकास कार्य जिसकी लागत लगभग 7.83 करोड़ रुपए है, समय सीमा में पूर्ण होना संभव नहीं पाते हुए कार्रवाई हुई। निगमायुक्त झरिया ने अनियमितता और लापरवाही पर मध्य प्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम-2021 के नियम 20 अनुसार कॉलोनी विकास के पेटे बंधक रखें 22072.23 वर्ग मीटर बंधक भूखंडों को तत्काल प्रभाव से राजसात करने के आदेश जारी किए थे।