रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
अखिल भारतीय गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में शहर में चल रहे 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन तुलसी विवाह हुआ। ढोल-ढमाकों के साथ कृष्ण भगवान के साथ तुलसी माता की बारात जैसे ही गायत्री महायज्ञ स्थल पर पहुंची तो पूरा पांडाल झूम उठा। विधी-विधान के साथ शांतिकुंज हर्दिार से आई यज्ञाचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न कराया। शाम को दीप यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ कुंड के चारों तरफ दीप की जगमग रोशनी से पूरा पांडाल जगमग हो उठा।
राजीव गांधी सिविक सेंटर स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बनाए गई गायत्री महायज्ञ शाला में शांतिकुंज हरिद्वार से आए यज्ञाचार्य पं. जितेंद्र मिश्रा, सहायक बसंतीलाल सोलंकी, युग गायक प्रेमनाथ ध्रुव, युग वादक श्रवण कुमार, सारथी विवेकसिंह ने देव पूजन कर यज्ञ कराया। गायत्री मंत्रोच्चार के साथ भजनों की प्रस्तुति से पूरा पांडाल धर्ममय हो गया। देव पूजन गायत्री परिवार मुख्य नगर ट्रस्टी पातीराम शर्मा, संगीता प्रकाश प्रभु राठौड़, अनिल झालानी, बलवंतभाटी आदि ने किया। यज्ञ के बाद तुलसी विवाह हुआ। महायज्ञ शाला के बाहर से तुलसी की बारात निकाली गई। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश प्रभु राठौड़ कृष्ण भगवान की मूर्ति तो संगीता राठौड़ तुलसी माता (पौधे) को अपने सिर पर उठाकर ढोल-ढमाकों के साथ यज्ञ स्थल पर पहुंचे। बारात के आगमन पर फूलों की वर्षा कर जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद तुलसी विवाह संपन्न कराया। संगीता प्रकाश प्रभु राठौड़ द्वारा दो साल की गई साधना के दौरान सिद्ध गए रुद्राक्ष का वितरण भी राठौड़ परिवार द्वारा किया गया। यज्ञ के साथ-साथ गुरुदीक्षा सहित अन्य संस्कार भी संपन्न कराए गए। रविवार 15 जनवरी को गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति के साथ विसर्जन, विदाई व समाज के अग्रजो का सम्मान किया जाएगा। सारे कार्यक्रम का संचालन गायत्री परिवार के विकास शैवाल ने किया।
साफ-सफाई का विशेष रखा जा रहा ध्यान
शाम को गायज्ञी महायज्ञ स्थल पर बनाए गए यज्ञ कुंड सहित कुंड की क्यारियों के पर करीब 2500 दीप लगाए गए। प्रत्येक दीप पर संगीता प्रकाश प्रभु राठौड़ द्वारा रंग-रोगन किया गया। गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के विवेक चौधरी ने बताया कि प्रतिदिन यज्ञ पूर्ण होने के पश्चात गायत्री परिवार की बहनें यज्ञशाला की साफ सफाई एवं अगले दिन के यज्ञ की तैयारियों में लग जाती है। यज्ञ कुंड एवं यज्ञशाला की सफाई की जाती है। सफाई करने के बाद समिधा, घृत, पूजन सामग्री, इत्यादि की मात्रा को चेक किया जाता है। जो कम होता है उसे पूरा करके रख लिया जाता है। अगले दिन सुबह यज्ञ प्रारम्भ होने के पूर्व ही अभी सामग्री जमाकर रख दी जाती है। कलश को व्यवस्थित रखना, जवारों को जल से सींचना, पुराने पुष्पों एवं हार माला को बदलना जैसे छोटे छोटे किंतु महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न किये जाते है। गायत्री परिवार के महिला मंडल की बहनों द्वारा लगातार सेवा दी जा रही है।
पुस्तक मेले में आधे मूल्य में पुस्तके मिलेगी
गायत्री परिवार ट्रस्ट द्वारा अब विराट 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में लगाए गए युगसाहित्य पुस्तक मेले में साहित्य आधे मूल्य पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस निर्णय लिए जाने के पूर्व समाजसेवी एवं गायत्री परिवार के सहयोगी अनिल झालान के द्वारा विशेष घोषणा की। उन्होंने बताया कि उनके कॉलेज के विद्यार्थी यज्ञस्थल के पुस्तक मेले से जितने मूल्य की पुस्तकें खरीदेंगे उन पुस्तकों का आधार मूल्य वे चुकाएंगे। उनका उद्देश्य यह है कि उनके कॉलेज के विद्यार्थी संस्कारवान एवं संवेदनशील बने। गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित साहित्य के अध्ययन करने से कई लोगों को जीवन में प्रेरणा मिली है, सकारात्मक बदलाव आया है। इसलिए उन्होंने अपने छात्रों के भौतिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए तथा उन्हें प्रेरित करने के लिए यह पेशकश की है।
सर्वधर्म सम्मेलन में हुआ धर्मगुरुओं का सम्मान
गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन शाम को सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन कर धर्मगुरुओं का सम्मान किया गया। मुख्य रूप से श्रृंगेरी मठ के स्वामी आत्मानंद सरस्वती, संत निरंकारी मंडल से राजकुमार जी गनवानी, अखंड आश्रम से महंत देवस्वरूप जी स्वामी, शहर काजी जनाब अहमद अली, भागवताचार्य ब्रह्मर्षि हेमंत कश्यप जी विशेष रूप से मौजूद रहे। गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के विवेक चौधरी ने बताया धर्मगुरुओं का स्वागत गायत्री परिवार नगर मुख्य ट्रस्टी पातीराम शर्मा, प्रकाश प्रभु राठौड़, एमएम साहू ने किया। धर्मगुरुओं का तिलक लगाकर दुपट्टे से स्वागत किया गया। साथ में युग साहित्य भेंट किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में गायत्री परिजनो व अन्य मौजूद रहे। संचालन विकास शैवाल ने किया।