रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर रविवार शाम रतलाम में एक ऐतिहासिक पथ संचलन का आयोजन हुआ। रतलाम के पांच अलग-अलग स्थानों से प्रारंभ हुए पथ संचलन का महासंगम सैलाना बस स्टैंड पर शाम 6:30 बजे हुआ। हजारों की संख्या में नागरिकों ने इस दृश्य को देखने के लिए सड़कों पर जुटकर स्वयंसेवकों पर फूलों की बरसात की। कई जगहों पर स्वागत के लिए सड़कों पर कालीन बिछाए गए और “जय जय श्री राम”, “वंदे मातरम्” के उद्घोष गूंजते रहे।

शाम 6 बजकर 3 मिनट पर सभी पांच स्थानों से एक साथ पथ संचलन प्रारंभ हुआ। घोष की मधुर धुन पर कदमताल करते स्वयंसेवक अनुशासन और एकता की मिसाल बनकर निकले। संचलन से पहले सभी एकत्रीकरण स्थलों पर बौद्धिक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें वक्ताओं ने स्वयंसेवकों को संघ के आदर्शों और कर्तव्यों पर संबोधित किया।

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में उत्साह पूर्वक स्वागत

यह पहला अवसर था जब पथ संचलन मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से भी होकर गुज़रा। यहां मुस्लिम समाजजनों ने फूल बरसाकर स्वागत किया और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया। अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन की ओर से सैलाना बस स्टैंड और मोचीपुरा चौराहे पर स्वयंसेवकों का उत्साह पूर्वक स्वागत किया गया।
महासंगम में गूंजे जयघोष, अनुशासन की सराहना
जैसे ही पांचों दिशाओं से पथ संचलन का संगम सैलाना बस स्टैंड पर हुआ, “भारत माता की जय” और “जय जय श्री राम” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
शहर के सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और विभिन्न समाजों ने जगह-जगह मंच बनाकर स्वागत किया। सभी ने स्वयंसेवकों के टाइम मैनेजमेंट और अनुशासन की सराहना की।
एंबुलेंस को दिया रास्ता और पेश की मिसाल
महासंगम के दौरान बाल चिकित्सालय की ओर से एक एंबुलेंस आई तो स्वयंसेवकों ने अनुशासन और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तुरंत रास्ता खाली किया, जिससे एंबुलेंस सहज रूप से आगे बढ़ सकी।
20 हजार स्वयंसेवकों ने लिया भाग
करीब 20 हजार स्वयंसेवक इस संचलन में शामिल हुए। सैलाना बस स्टैंड से संचलन पावर हाउस रोड, दो बत्ती फ्रींगज चौराहा, घोड़ा चौराहा से होते हुए नेहरू स्टेडियम पहुंचा, जहां इसका समापन हुआ।
इन पांच स्थानों से निकला पथ संचलन
1) विक्रम उपनगर: सेठिया मेरिज गार्डन → रत्नेश्वर रोड → हनुमान बाग → मोचीपुरा → सूरजपोल → नगर निगम → कॉलेज रोड → महाराणा प्रतिमा → सैलाना बस स्टैंड।
2) हनुमान उपनगर: जैन स्कूल सागोद रोड → चांदनी चौक → बजाज खाना → रानीजी का मंदिर → नाहरपुरा → शहीद चौक।
3) रविदास उपनगर: सरस्वती शिशु मंदिर काटजू नगर → सूरज हॉल → सूर्य मुखी हनुमान मंदिर → तोपखाना → रानीजी का मंदिर → शहीद चौक।
4) प्रताप उपनगर: 80 फीट रोड → शक्ति नगर → कस्तूरबा नगर → राम मंदिर → सैलाना बस स्टैंड।
5) आंबेडकर उपनगर: आईटीआई मैदान → अलकापुरी → भारत माता चौराहा → अंबे माता चौक → विनोबा नगर → राम मंदिर → सैलाना बस स्टैंड।
रतलाम ने पेश की एकता, अनुशासन और सद्भाव की मिसाल
रतलाम का यह पथ संचलन केवल एक आयोजन नहीं रहा, बल्कि यह एकता, अनुशासन, सद्भाव और समर्पण का जीवंत उदाहरण बन गया। संघ के शताब्दी वर्ष के इस अवसर ने शहर को सामाजिक सौहार्द और संगठन शक्ति का संदेश दिया।